बिहार चुनाव प्रचार में लालू यादव की एंट्री का क्या होगा असर? जानिए

लालू प्रसाद की वर्तमान बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार में एंट्री हो रही है. सबकी निगाहें उनके भाषणों पर होगी की वो क्या संदेश अपने वोटरों को दे रहे हैं

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  • 2020 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव चुनावी मैदान में सक्रिय नहीं थे और उनके पोस्टर भी कम दिखे थे
  • 2015 के चुनाव में आरएसएस प्रमुख के आरक्षण वाले बयान पर लालू यादव ने जमकर हमला बोला था
  • लालू यादव का अक्रामक अंदाज में चुनाव प्रचार करते रहे हैं, हालांकि अब उनकी उम्र बढ़ गई है और वो बीमार हैं
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पटना:

सन 2020 के विधानसभा चुनाव में लालू जी मैदान में नहीं थे , लालू जी तेजश्वी के पोस्टर में नहीं थे , लालू जी तेजस्वी के दहाड़ में नहीं थे , लालू जी तेजस्वी के भाषण में नहीं थे.  लेकिन 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में एक मोड़ आया जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण समीक्षा की बात उठाई और लालू प्रसाद की चुनावी राजनीति को संजीवीनी मिल गई . वही से समस्त चुनाव का रूख बदल गया . जिस तरह कल मोकामा विधायक को गिरफ़्तार किया गया , उस चुनाव भी इसी तरह उन्हें गिरफ़्तार किया गया . इस गिरफ्तारी का क्रेडिट लालू प्रसाद जनता के सामने स्वयं को लिए . उनका एक डायलॉग बहुत फेमस हुआ था , ‘ तबला बजेगा धीन धीन , एक पर पड़ेगा तीन तीन ‘ , इसके साथ वो मोदी जी की मिमिक्री भी कर के लोगों को हंसाते और अपनी बात कहते थे. 

अब जब लालू प्रसाद वर्तमान बिहार विधानसभा चुनाव में पुनः वापसी कर रहे हैं तो सबकी निगाहें उनके भाषणों पर होगी की वो क्या संदेश अपने वोटरों को दे रहे हैं . इसमें कोई शक नहीं आज भी 40 वर्ष से ज़्यादा के पिछड़े समाज के वो नायक रहे हैं. अब उनके भाषण कैसे जनता के बीच जायेंगे यह तभी आकलन हो सकता है जब उनका भाषण का आकलन समाज और मीडिया करे

तब भी यह मान कर चला जा सकता है की लालू जी के भाषण उनके स्वयं के वोट बैंक को अग्रेसिव करेंगे. इस चुनाव में उन्हें समस्त पिछड़ा समाज का नेता नहीं कहा जा सकता है क्योंकि नीतीश एक बहुत बड़े स्तंभ भी मौजूद हैं जिनकी ग़ैर यादव पिछड़ा समाज में जबरदस्त पकड़ है.

कुशवाहा समाज के दोनों नेता सम्राट चौधरी और उपेंद्र कुशवाहा जी भी एनडीए के साथ हैं , नीतीश कुमार ने भी अति पिछड़ा समाज को बहुत ही संतुलित ढंग से टिकट दिया है . दलित समाज में सिवाय रविदास सभी बड़े नेता एनडीए के साथ हैं . रविदास समाज के श्री जनक राम भी भाजपा के तरफ़ से मंत्री हैं और वो भी घूम रहे हैं.  लालू जी की मैदान में उपस्थिति और उनके भाषण उनके स्वयं के वोट बैंक को अवश्य ही ताक़त देंगे , इसमें कोई दो राय नहीं . 

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