चिराग पासवान की पार्टी ने जीती बख्तियारपुर सीट, आरजेडी उम्मीदवार की हार

Bihar Election 2025: बिहार की बख्तियारपुर सीट पर इस बार आरजेडी और एलजेपी (आर) के बीच टक्कर थी, बीजेपी के अरुण कुमार एलजेपी (आर) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे.

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बख्तियारपुर सीट

Bihar Election 2025: बिहार की बख्तियारपुर विधानसभा सीट पर चुनाव नतीजे सामने आ चुके हैं. इस सीट पर चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) ने कब्जा किया है. ये सीट बिहार के पटना जिले में आती है, जिसमें ज्यादातर ग्रामीण आबादी रहती है. कुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापति मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने इस जगह की स्थापना की थी. 

नीतीश कुमार का जन्मस्थान

गंगा नदी के पास बसे बख्तियारपुर की राजधानी पटना से दूरी करीब 46 किमी की है. इसके अलावा इसके पास मोकामा, बिहारशरीफ और बाढ़ जैसे इलाके आते हैं. यहां का नाम बदलने की मांग उठती रही है, लेकिन नीतीश कुमार इस जगह को अपनी जन्मभूमि बताते हैं और इसका नाम बदले जाने के हमेशा खिलाफ रहे हैं. उनका कहना है कि नाम में कुछ भी गलत नहीं है.  

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दो पार्टियों के बीच टक्कर

हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कभी भी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं की. लंबे समय तक यहां कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन पिछले 20 सालों से बीजेपी और आरजेडी के बीच इस सीट पर टक्कर होती है. दोनों दलों ने तीन-तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. पिछले यानी 2020 के चुनाव में आरजेडी ने ही इस सीट पर बाजी मारी थी, लेकिन इस बार सीट हाथ से निकल गई है. एलजेपी (आर) के अरुण कुमार ने 981 वोटों से आरजेडी उम्मीदवार अनिरुद्ध कुमार ोक हराया है. 

बख्तियारपुर से बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारने की कोशिश कर रही थी, इस सीट पर ललन सिंह, अरूण कुमार, जितेंद्र यादव और लल्लू मुखिया जैसे नेता दावेदारी कर रहे थे, लेकिन आखिर में सीट एलजेपी आर यानी चिराग पासवान के खाते में चली गई. हालांकि इसके बावजूद उम्मीदवारी बीजेपी के अरुण कुमार को ही मिल गई. 

क्या है जातीय समीकरण?

बख्तियारपुर विधानसभा सीट का जातीय समीकरण देखें तो यहां यादवों का काफी ज्यादा बोलबाला था. पिछले कई सालों से इस सीट पर इसी जाति के उम्मीदवार को उतारा जाता है और वही जीत दर्ज करता है. यादवों के अलावा यहां राजपूत, भूमिहार, मुस्लिम और अन्य जाति के लोग रहते हैं. सबसे ज्यादा संख्या यादव और राजपूत वोटर्स की है.