महंगाई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुद्दा नहीं मानते. उनका कहना हैं कि ऐसी परिस्थितियों में कुछ दाम बढ़ेगा क्या कीजियेगा. नीतीश कुमार से सोमवार को अपने जनता दरबार के बाद जब उनसे महंगाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पहले माना कि कोरोना के कारण आर्थिक विकास में रुकावट आयी है.' उन्होंने कहा कि कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो गयी हैं जिसके कारण दामों में बढ़ोतरी स्वाभाविक चीजें हैं. लेकिन उनके अनुसार इस पर बहस करने के बजाय सबको एकजुट रहना चाहिए.
हालांकि नीतीश ने कहा कि कोरोना से जैसे ही मुक्ति मिलेगी देखिएगा देश भर का और राज्यों का भी विकास पटरी पर लौटेगा. लेकिन उन्होंने माना कि इसके लिए इस बीमारी के रोकथाम के लिये प्रयासों का असरदार होना आवश्यक है. नीतीश ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि कैसे पूरे देश को वैक्सीन दिया और पूरे देश में ज़बर्दस्त टीकाकरण काम चल रहा है. उन्होंने माना कि बीमारी की रोकथाम के लिए केंद्र ने राज्यों को हरसंभव मदद भी की है.
नीतीश के बयानों से निश्चित रूप से सत्ता में उनके सहयोगी भाजपा के लिए राहत की ख़बर होगी. हाल के एक महीने में जातिगत जनगणना का मामला हो या पेगसस जासूसी प्रकरण, उनके स्टैंड से भाजपा को काफ़ी परेशानी झेलनी पड़ी. भाजपा नेताओं का कहना है कि नीतीश का समर्थन तार्किक इसलिए हैं क्योंकि पेट्रोल डीज़ल अगर महंगा है तो उनकी सरकार भी टैक्स जमकर वसूल रही है और विरोध करने पर सब कह सकते है कि आप टैक्स क्यों नहीं कम कर देते हैं.