जिन्‍ना की बापू और सरदार पटेल से कथित तुलना के सवाल पर क्‍या बोले नीतीश कुमार, देखें VIDEO

नीतीश ने कहा, 'क्‍या इस सबके बारे में नाम ले रहे. ये आजादी के समय के लोग हैं. उन्‍होंने कहा कि आजादी की जंग में बहुत सारे लोगों ने भूमिका निभाई थी और अंतत: देश दो टुकड़ों में बंट गया. किसी ने देश का बंटवारा करके अपना अलग देश बना लिया तो वह वहां के लिए महत्‍वपूर्ण है, वह अलग चीज है.'

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नीतीश कुमार ने कहा, देश का विभाजन कोई अच्‍छी बात थोड़ी है
पटना:

जिन्ना की मौत के 73 साल बाद अब वो अब यूपी के चुनाव में आ गए हैं. सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पटेल जयंती पर बताया कि गांधी, नेहरू, पटेल और जिन्ना एक ही संस्थान से पढ़ कर आये थे. इस बयान के बाद बीजेपी ने उन पर हमला बोल दिया. मोहम्‍मद अली जिन्‍ना की महात्‍मा गांधी और सरकार पटेल से कथित तुलना संबंधी बयान को बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने प्रतिक्रिया दी है. पत्रकारों द्वारा इस संबंध में किए गए प्रश्‍न पर नीतीश ने कहा, 'क्‍या इस सबके बारे में नाम ले रहे. ये आजादी के समय के लोग हैं. उन्‍होंने कहा कि आजादी की जंग में बहुत सारे लोगों ने भूमिका निभाई थी और अंतत: देश दो टुकड़ों में बंट गया. किसी ने देश का बंटवारा करके अपना अलग देश बना लिया तो वह वहां के लिए महत्‍वपूर्ण है, वह अलग चीज है.'

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि इस बारे में चर्चा करना आवश्‍यक थोड़ी है, कोई खुशी की बात है है. बापू को यह पसंद था क्‍या? यह पसंद नहीं था. उन्‍होंने कहा कि परिस्थिति ऐसी आ गई कि मुल्‍क दो हिस्‍सा में बंट गया. जो मुल्‍क को बनाने में जिनकी भूमिका थी, उनका सम्‍मान वहां रहेगा. एक हिस्‍सा था जो पाकिस्‍तान, वह भी दो हिस्‍सों में बंट गया. यह अलग चीज है. इन बातों में चर्चा की क्‍या तुक है? नीतीश ने इसके साथ ही कहा, 'देश अगर एक रहता तो और कितना आगे बढ़ता.देश का विभाजन कोई अच्‍छी बात थोड़ी है. देश पुराने तौर पर एक ही रहता. बापू की बात को यदि सब लोग मान लेते तो देश कितना आगे बढ़ता. गौरतलब है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को भारत की आजादी के प्रतीकों में गिनने वाले बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की रैली में कहा था, 'सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई. उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे.'

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