बिहार चुनाव: महागठबंधन अब भी सीटों में उलझा! सहनी नाराज, IP गुप्ता आउट, जानिए क्यों कन्फ्यूजन मोड में है RJD-कांग्रेस

बिहार चुनाव में महागठबंधन अब भी सीट बंटवारे के जाल में उलझा है, जबकि एनडीए ने 229 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. नामांकन की डेडलाइन नजदीक होने के बावजूद विपक्षी गठबंधन का प्रचार अब तक शुरू नहीं हो पाया है.

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  • बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख शुक्रवार को है
  • राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने संभावित उम्मीदवारों के सिंबल बांट दिए हैं लेकिन आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है
  • बछवाड़ा सीट पर कांग्रेस और सीपीआई दोनों ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल दिया है
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण करीब है, लेकिन महागठबंधन अब भी सीट बंटवारे के पेच में फंसा हुआ है.पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख में सिर्फ 27 घंटे बाकी हैं, फिर भी किसी भी दल ने उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी नहीं की है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आंतरिक असहमति और छोटे सहयोगी दलों की नाराज़गी के कारण सीटों पर अंतिम बात नहीं बन रही है. 

मुख्य सहयोगी राजद, कांग्रेस और वामदलों ने अपने संभावित उम्मीदवारों को सिंबल बांट दिए हैं, लेकिन औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. यही नहीं, बछवाड़ा सीट पर स्थिति और पेचीदा हो गई है. यहां CPI और कांग्रेस दोनों ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है, जिससे सीट पर दोहरी दावेदारी सामने आ गई है. 

मुकेश सहनी महागठबंधन से हैं नाराज

इधर, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी भी महागठबंधन से नाराज बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक सहनी को सीटों की संख्या और चयन को लेकर आपत्ति है. वहीं आईपी गुप्ता ने भी गठबंधन से नाता तोड़ लिया है. 

एनडीए ने अब तक 229 उम्मीदवारों के नाम का किया ऐलान

इसके उलट, एनडीए पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतर चुका है. अब तक 229 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो चुका है. बीजेपी और जेडीयू के नेता जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और प्रचार अभियान को धार दे रहे हैं. योगी आदित्यनाथ ने आज बिहार में अपनी पहली रैली से एनडीए के प्रचार की शुरुआत कर दी है, वहीं गृह मंत्री अमित शाह भी पटना पहुंचने वाले हैं.

महागठबंधन में समन्वय की कमी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के भीतर समन्वय की कमी एनडीए को शुरुआती बढ़त दिला रही है. पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ 21 दिन और दूसरे चरण में 26 दिन बाकी हैं, लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान ने महागठबंधन की चुनावी रफ्तार रोक दी है. जहां एनडीए के नेता गांव-गांव जाकर सभाएं कर रहे हैं, वहीं महागठबंधन अब भी उम्मीदवार तय करने में उलझा है. अगर अगले 24 घंटों में सहमति नहीं बनती है, तो यह देरी महागठबंधन की चुनावी रणनीति पर भारी पड़ सकती है.

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