बिहार चुनाव 2025 : लगातार चौथी बार सरायरंजन सीट पर JDU काबिज, विजय कुमार चौधरी की जीत

2020 विधानसभा चुनाव में भी यहां एक दिलचस्प लड़ाई देखी गई. बिहार सरकार के कद्दावर नेता और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी यहां से जीते थे, हालांकि ये जीत बड़ी नहीं थी, क्योंकि उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के अरविंद कुमार सहनी को सिर्फ 3, 624 वोटों से ही हराया था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
पिछले 15 सालों से सरायरंजन सीट पर विजय चौधरी का कब्जा

समस्तीपुर की वीवीआईपी सीट मानी जाने वाली सरायरंजन विधानसभा सीट पर जेडीयू ने जीत का परचम लहरा दिया है. जेडीयू के नेता विजय कुमार चौधरी ने इस सीट पर जीत हासिल की है. उनके सामने थे आरजेडी के अरविंद कुमार सहनी. विजय कुमार चौधरी को 102792 मिले और अरविन्द कुमार सहनी 81994 वोट मिले.जन सुराज पार्टी की ओर से सजन कुमार मिश्रा को 5493 वोट मिले. बता दें कि  बिहार की सरायरंजन विधासभा सीट समस्तीपुर जिले में आती है. इस सीट की स्थापना 1967 में हुई थी. ये सीट समस्तीपुर जिले के 6 विधानसभा खंडों में से एक है और उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. समस्तीपुर जिले से 13 किलोमीटर दूर स्थित सरायरंजन एक प्रखंड (ब्लॉक) नहीं है, बल्कि ये उत्तर बिहार की राजनीति और अर्थव्यवस्था का एक ऐसा केंद्र है, जहां का हर चुनावी रिजल्ट बड़े दलों के भविष्य की दिशा तय करती है. यह क्षेत्र चारों ओर से अन्य प्रमुख कस्बों और शहरों से घिरा हुआ है, जिसमें विद्यापति नगर (10 किमी), दलसिंहसराय (15 किमी), जबकि दरभंगा (45 किमी), मुजफ्फरपुर (65 किमी) और राजधानी पटना (73 किमी) शामिल हैं. 

2020 में देखी गई दिलचस्प लड़ाई, कम अंतर से जीती थी जेडीयू

2020 विधानसभा चुनाव में भी यहां एक दिलचस्प लड़ाई देखी गई. बिहार सरकार के कद्दावर नेता और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी यहां से जीते थे, हालांकि ये जीत बड़ी नहीं थी, क्योंकि उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के अरविंद कुमार सहनी को सिर्फ 3, 624 वोटों से ही हराया था. ये सीट जेडीयू का गढ़ रही है, इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि विजय कुमार चौधरी पिछले 15 सालों से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. फिलहाल विजय कुमार चौधरी नीतीश सरकार में जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री हैं. ये सीट जनरल (अनारक्षित) कैटेगरी की है. 

ये है पिछले विधानसभा चुनावों का समीकरण

पिछले विधानसभा चुनावों के सफर में, सरायरंजन के मतदाताओं ने कई राजनीतिक दलों को मौका दिया है. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से लेकर भारतीय जनसंघ (बीजेएस) ने भी इस सीट से सफलता का स्वाद चखा है.साल 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से जदयू के विजय कुमार चौधरी ने राजद के रामाश्रय सहनी को कांटे की टक्कर में लगभग 17,000 मतों से हराया था. 2015 में, जदयू ने महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. भाजपा ने रंजीत निर्गुणी को मैदान में उतारा और जदयू की जीत का अंतर बढ़ गया. 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने अपना उम्मीदवार बदलकर अरविंद कुमार सहनी को मैदान में उतारा, पर जदयू फिर से जीत गई. 2020 विधानसभा चुनावों के मुताबिक- सरायरंजन विधानसभा में कुल मतदाता 281041 हैं. 

देखें इस विधानसभा सीट पर पहले किस-किस पार्टी का रहा कब्जा

2025विजय कुमार चौधरीJDU
2020विजय कुमार चौधरीJDU
2015विजय कुमार चौधरीJDU
2010विजय कुमार चौधरीJDU
OCT 2005निषादRJD
FEB 2005निषादRJD
2000 रामाश्रय सहनीRJD
1995राम आश्रय सहनीJD
1990 राम विलास मिश्राJD


सरायरंजन की आत्मा इसके खेतों और बूढ़ी गंडक नदी में बसती है

सरायरंजन की आत्मा इसके खेतों में बसती है. यह विधानसभा क्षेत्र 100 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं का गढ़ है और इसकी जीवनरेखा बूढ़ी गंडक नदी है, जो यहां से लगभग 14 किलोमीटर दूर बहती है. यह नदी इस पूरे क्षेत्र की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को पोषित करती है. यहां के किसान मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती करते हैं. इसके अलावा, आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियों की पैदावार भी किसानों की आय का एक अहम जरिया है. सरायरंजन अपने आस-पास के गांवों के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि उपज व्यापार केंद्र के रूप में काम करता है, जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डेयरी व्यवसाय भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. (इनपुट IANS से भी)
 

Featured Video Of The Day
Pollution के मुद्दे पर Nagina MP Chandrashekhar Azad ने संसद में किया प्रदर्शन | Parliament Session