- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए गठबंधन में जेडीयू और बीजेपी के बीच लगभग बराबर सीटें बांटी जा सकती हैं.
- चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने शुरुआत में चालीस सीटों की मांग की थी, लेकिन हिस्सेदारी कम हो सकती है.
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच से सात और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार से पांच सीटें मिलने की संभावना है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है और इस बीच एनडीए गठबंधन के भीतर सीट‑शेयरिंग को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. राष्ट्रीय जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और अन्य छोटे सहयोगी दल इस बार की रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
बराबर-बराबर सीटों पर लड़ सकती है बीजेपी-जेडीयू
सूत्रों के अनुसार, जेडीयू और बीजेपी लगभग बराबर संख्या में सीटें लड़ सकते हैं, संभवतः प्रत्येक को लगभग 100–105 सीटों की हिस्सेदारी मिल रही है. शुरुआती अटकलों में यह भी कहा गया था कि जेडीयू को ‘बड़ा भाई' बनाए रखने का प्रयास होगा, जिससे उसे थोड़ी बढ़त मिल सकती है यानी कि जेडीयू को 102–103 सीटें, जबकि बीजेपी को 101–102 सीटें मिल सकती हैं. इस तरह का संतुलन एक समन्वित गठबंधन का संदेश देता है, जहां दोनों बड़े दल एक-दूसरे की राजनीतिक हैसियत और प्रभाव को बराबर मानते हुए चुनावी जमीन बांट रहे हैं.
चिराग की पार्टी ने की है 40 सीटों की मांग!
चुनौती छोटे सहयोगियों की हिस्सेदारी और चिराग पासवान को लेकर है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), यानी चिराग पासवान की पार्टी, ने शुरुआत में 40 सीटों की मांग की थी, लेकिन NDA सूत्रों के अनुसार, उनकी हिस्सेदारी लगभग 20–28 सीटों तक सीमित रह सकती है. यह मांग और मात्रा से स्पष्ट है कि चिराग का यह एक रणनीतिक बारगेनिंग टैक्टिक माना जा रहा है, जिसे संयम से संभाला जा रहा है. चिराग के समर्थकों ने चिराग को मुख्यमंत्री बनाने तक भी मांग कर दी है. चिराग पासवान की सीटों को लेकर जारी टकराव ने एकता को चुनौती दी है, उनकी मांगें जेडीयू और बीजेपी दोनों के लिए समस्या बन रही हैं.
HAM को 5–7 और RLM को 4–5 सीटें मिलने की संभावना
इसके अलावा, अन्य सहयोगियों जैसे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्र्रीय लोक मोर्चा (RLM) को कुछ सीटें मिलने की संभावना है, हालांकि संख्या सीमित हो सकती है. जैसे HAM को 5–7 सीटें और RLM को 4–5 सीटें. पटना और दिल्ली में उच्च स्तर की बैठकों का आयोजन लगातार हो रहा है, जिसका उद्देश्य सीट‑शेयरिंग पर अंतिम मंथन है.
दिल्ली में अमित शाह की बैठक के बाद फाइनल होंगी सीटें
इस पूरे परिदृश्य को देखते हुए, एनडीए में सीट‑शेयरिंग की संभावना कुछ इस प्रकार रूप ले रही है: जेडीयू और बीजेपी लगभग बराबर हिस्सेदारी पर सहमत, लगभग 100–105 सीटें प्रत्येक को मिल सकती हैं, जिससे गठबंधन में संतुलन बना रहे. चिराग पासवान की LJP (RV) को लगभग 20–25 सीटों की हिस्सेदारी देने की संभावना अधिक है, जो उनकी मांग से कम है लेकिन गठबंधन बनाए रखने की दिशा में एक समझौतावादी कदम है. अन्य सहयोगी दलों को सीमित लेकिन सम्मानजनक हिस्सेदारी, जैसे HAM और RLM को कुछ सीटें मिल सकती हैं. सीट‑शेयरिंग को अंतिम रूप दिल्ली में अमित शाह की बैठक के बाद दिया जाना है, ताकि गठबंधन की रणनीति और एकता सुनिश्चित की जा सके.