नई दिल्ली/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के पहले चरण में 10 जिलों की कुल 49 सीटों पर वोटिंग हो रही है, जिन पर 54 महिलाओं समेत कुल 583 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। राज्य के कुल 6.68 करोड़ मतदाताओं में से 72.3 लाख पुरुष तथा 63.1 लाख महिला मतदाता इस चरण में वोटिंग कर सकते हैं। यूं तो पूरे राज्य में राजनैतिक लड़ाई काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और देशभर की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं, लेकिन आइए इस वक्त जानते हैं - इस चरण में किन-किन खास लोगों की किस्मत दांव पर है।
प्रिंस राज (कल्याणपुर)
पहले चरण की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में कल्याणपुर शामिल है, जिस पर केंद्रीय मंत्री तथा लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) प्रमुख रामविलास पासवान के भतीजे प्रिंस राज मैदान में हैं, और उनका मुकाबला सत्तारूढ़ जेडीयू के महेश्वर हज़ारी से होगा, जिनके समर्थन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जनसभा कर चुके हैं।
शकुनि चौधरी (तारापुर)
पहले चरण की एक अन्य खास सीट तारापुर है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता शकुनि चौधरी किस्मत आज़मा रहे हैं, और उनका मुकाबला इलाके के मशहूर शिक्षाविद मेवालाल चौधरी से हैं, जो जनता दल - यूनाइटेड के टिकट पर लड़ रहे हैं।
राजेश कुमार (खगड़िया)
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा नेता शकुनि चौधरी के बेटे राजेश कुमार खगड़िया सीट पर पार्टी टिकट लेकर जनता दल - यूनाइटेड के बाहुबली रणवीर यादव की पत्नी पूनम यादव के सामने ताल ठोक रहे हैं।
सदानंद सिंह (कहलगांव)
कहलगांव सीट पर लगातार आठ बार से चुनाव जीतते आ रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह का मुकाबला लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नीरज मंडल से है, जो 'मोदी लहर' का लाभ उठाकर उलटफेर की उम्मीद बांधे मैदान में हैं।
अर्जित शाश्वत (भागलपुर)
बीजेपी सांसद अश्विनी चौबे के पुत्र तथा 'युवा चेहरा' बनाकर जनता के बीच पेश किए जा रहे अर्जित शाश्वत भागलपुर सीट से लड़ रहे हैं, और उनका मुकाबला मौजूदा विधायक कांग्रेस के अजीत शर्मा से है, जिन्होंने वर्ष 2014 के उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को मात देकर इस सीट पर कब्जा किया था।
सुरेंद्र मेहता (बेगूसराय)
बेगूसराय सीट से मौजूदा विधायक सुरेंद्र मेहता का मुकाबला कांग्रेस की अमिता राय से होगा, और इस सीट को भारतीय जनता पार्टी काफी महत्वपूर्ण मान रही है।
दामोदर राउत (झाझा)
नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रह चुके दामोदर राउत (जनता दल - यूनाइटेड) झाझा सीट पर लड़ रहे प्रत्याशियों में सबसे कद्दावर माने जा रहे हैं, क्योंकि उनका मुकाबला बीजेपी के रवींद्र यादव से हो रहा है, जो कदरन कम लोकप्रिय हैं।
पशुपति पारस (अलौली)
अलौली सीट से सात बार विधायक रह चुके पशुपति पारस (एलजेपी) का मुकाबला लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के चंदन कुमार से हो रहा है।
विजय चौधरी (सरायगंज)
नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रह चुके विजय चौधरी के लिए जेडीयू का गढ़ समझी जाने वाली सरायगंज सीट अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जा रही है, और उनका मुकाबला बीजेपी के रंजीत निर्गुणी से हो रहा है।
रेणु कुशवाहा (समस्तीपुर)
नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रह चुकीं रेणु कुशवाहा जेडीयू का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं, और बीजेपी ने समस्तीपुर सीट की कद्दावर नेताओं में शुमार की जाने वाली रेणु को ही टिकट दिया है। उनका मुकाबला लालू की आरजेडी के अख्तर उल-शाहीन से हो रहा है।
मंजू हजारी (रोसड़ा)
रोसड़ा सीट पर वर्ष 1980 तक कांग्रेस का कब्ज़ा रहा था, और उसके बाद कई बार यहां आरजेडी उम्मीदवार जीते, लेकिन इस वक्त मंजू हजारी यहां से विधायक हैं, जो बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला यहां कांग्रेस के डॉ अशोक से है।
नारायण यादव (साहेबपुर कमाल)
आरजेडी के कद्दावर नेता और मौजूदा विधायक नारायण यादव को हराने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने साहेबपुर कमाल सीट पर पूरी ताकत लगा रखी है, और यहां से पासवान की एलजेपी के नेता एमडी असलम को टिकट दिया है।