मध्य प्रदेश के राघोगढ़ से गुना तक निकाली जा रही दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा बुधवार को स्थगित कर दी गई. पंचायत मंत्री महेन्द्र सिसोदिया से मुलाकात के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया. तीन महीने के अंदर उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है.
दिव्यांग स्वभिमान पद यात्रा मंगलवार को राघोगढ़ से शुरू हुई थी. इसमें मध्य प्रदेश के कई जिले के दिव्यांग पैदल यात्रा में भाग ले रहे थे. यात्रा के दूसरे दिन गुना कलेक्टर फ्रेंक नोवल दिव्यांगों के पास उनकी मांगों का ज्ञापन लेने पहुचे, जहां दिव्यांगों से उन्हें ज्ञापन सौंपने से मना कर दिया. दिव्यांगों का कहना था कि हमारी मांगें शासन स्तर की हैं. इसलिए शासन खुद आकर हमसे बात करे. तभी ये यात्रा बीच मे समाप्त होगी, अन्यथा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 10 दिनों तक चलती रहेगी. गुना पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर ही ये यात्रा समाप्त होगी. दिव्यांगों का कहना है ये केवल हमारी मांगें ही नहीं हमारी संवेदना भी है. हमारी पीड़ा भी है.
स्वाभिमान यात्रा में कई दिव्यांग ऐसे हैं, जिनके हाथों में छाले पड़ चुके हैं. कुछ दिव्यांगों के घुटनों से खून निकल रहा है. इस स्थिति में दिव्यांग गुना तक पैदल चलकर अपनी पीड़ा सरकार तक पहुंचाना चाहते है. एक स्वर में दिव्यांगों का कहना है कि सरकार जब आखिरी पंक्ति के आखिरी व्यक्ति तक अपनी बात पहुंचाने का दावा करती है, तो दिव्यांग के बाद आखिरी पंक्ति का आखिरी व्यक्ति कौन हो सकता है?
क्या हैं दिव्यांगों की मांगें:-
-आउट सोर्स भर्ती में दिव्यांगों को प्राथमिकता देना.
-पेंशन को 5 हजार रुपये प्रति माह किया जाना.
-सामाजिक न्याय निशक्तजन कल्याण मंत्रालय से निशक्तजन कल्याण मंत्रालय को अलग किया जाना.
-सभी भर्तियों में बैकलॉग के पद देना
दिव्यांगों ने 7 नवंबर से 17 नवंबर तक दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा का निर्णय लिया था. 30 किलोमीटर की यह यात्रा 10 दिन तक चलनी थी. दिव्यांग रोजाना 3 किमी चल रहे थे.
ये भी पढ़ें:-
खराब सड़क को लेकर नितिन गडकरी ने मांगी माफी, लोगों ने यूं दी प्रतिक्रिया
VIDEO: इंदौर की सड़क पर लड़कियों की 'दादागीरी', 4 ने मिलकर एक को लात-घूंसों से पीटा