BWF World Tour: भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय (Hs Prannoy) बुधवार से यहां शुरू हो रहे बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में पहली बार हिस्सा लेते हुए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ अपनी छाप छोड़ने की कोशिश करेंगे. चोट के कारण दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू के बाहर होने के बाद प्रणय सत्रांत होने वाले इस टूर्नामेंट में भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं. कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इजाफे के बाद इस टूर्नामेंट को चीन के ग्वांग्झू से स्थानांतरित किया गया है. मौजूदा सत्र में प्रदर्शन में भारतीय खिलाड़ियों के बीच सबसे अधिक निरंतरता दिखाने वाले प्रणय को ग्रुप ए में डेनमार्क के ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन, जापान के कोडाई नेरोका और चीन के ल्यु गुआंग झू के साथ रखा गया है. हाल में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित तीसरे वरीय प्रणय ने कहा, ‘‘मैं बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में अपने अभियान को शुरू करने को लेकर उत्सुक हूं. मैं पहली बार सत्रांत टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा.''
प्रणय की नजरें सेमीफाइनल में जगह बनाने पर टिकी हैं लेकिन अपने ग्रुप के विरोधियों के खिलाफ उनका रिकॉर्ड काफी अच्छा नहीं है. दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी के खिलाफ उन्होंने पांच मुकाबले गंवाए और सिर्फ एक जीत दर्ज की. प्रणय का मनोबल हालांकि इस तथ्य से बढ़ेगा कि उन्होंने एक्सेलसन को इंडोनेशिया मास्टर्स में पिछले साल दोनों के बीच हुए पिछले मुकाबले में हराया था. जापान के 21 साल के नेरोका के खिलाफ प्रणय ने जुलाई में सिंगापुर ओपन के दौरान अपना एकमात्र मुकाबला गंवाया था. इसके अलावा चीन के ल्यु के खिलाफ भी भारतीय खिलाड़ी को फ्रेंच ओपन में एकमात्र मैच के दौरान हार का सामना करना पड़ा. बीडब्ल्यूएफ के साल में सबसे अधिक सुधार करने वाले खिलाड़ी के पुरस्कार के लिए नामित प्रणय हालांकि बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं और इस साल उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है.
प्रणय ने थॉमस कप में भारत की एतिहासिक खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई और वह स्विस ओपन सुपर 300 में उप विजेता रहने के अलावा इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 और मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 स्पर्धा के सेमीफाइनल में भी पहुंचे. गत चैंपियन एक्सेलसन दुनिया के 12वें नंबर के खिलाड़ी प्रणय के ग्रुप में सबसे मजबूत खिलाड़ी हैं लेकिन वह अन्य दो प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कोताही नहीं बरत सकते. एक्सेलसन ने विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए अपने पिछले 39 मैच जीते हैं। इस दौरान उन्होंने पांच सुपर सीरीज खिताब अपने नाम किए. पुरुष वर्ग में ग्रुप बी में चाउ टिएन चेन, जोनाथन क्रिस्टी, एंथोनी गिनटिंग और लोह कीन येउ को जगह मिली है. भारत के लिए सिंधू इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को जीतने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं जबकि समीर वर्मा 2018 में सेमीफाइनल में पहुंचे थे.
महिल एकल में गत चैंपियन आन सी यंग, विश्व चैंपियन अकाने यामागुची, ओलंपिक चैंपियन चेन यूफेई और ही बिंगजाओ खिताब की प्रबल दावेदार हैं. ताइ जू यिंग और रतचानोक इंतानोन के लिए सत्र भले ही अच्छा नहीं रहा हो लेकिन ये दोनों भी खिताब जीतने में सक्षम हैं.
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