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नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए? ज्योतिर्विद से जानें नीलम को कैसे पहनें और किन बातों का रखें विशेष ध्यान

Neelam Ratna: ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, नीलम जहां एक ओर व्यक्ति को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है, वहीं बिना सलाह के पहनने पर नुकसान भी दे सकता है. इसी कारण नीलम रत्न पहनने से पहले सही जानकारी और ज्योतिषीय परामर्श बेहद जरूरी है.

Written by Updated : December 29, 2025 10:08 AM IST
नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए? ज्योतिर्विद से जानें नीलम को कैसे पहनें और किन बातों का रखें विशेष ध्यान
नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए?
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Neelam Ratna: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व माना गया है और इन्हीं रत्नों में नीलम को सबसे शक्तिशाली रत्नों में गिना जाता है. नीलम रत्न शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसका प्रभाव बहुत तेज और सीधा होता है. ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, नीलम जहां एक ओर व्यक्ति को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है, वहीं बिना सलाह के पहनने पर नुकसान भी दे सकता है. इसी कारण नीलम रत्न पहनने से पहले सही जानकारी और ज्योतिषीय परामर्श बेहद जरूरी है.

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नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए?

ज्योतिर्विद बताते हैं, नीलम रत्न उन्हीं लोगों के लिए शुभ माना जाता है, जिनकी कुंडली में शनि ग्रह अच्छी स्थिति में हो. खासतौर पर मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम अत्यंत लाभकारी हो सकता है, क्योंकि शनि इन दोनों राशियों का स्वामी है. इसके अलावा, जिनकी कुंडली में शनि लग्न, केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित हो और शुभ फल दे रहा हो, वे भी नीलम धारण कर सकते हैं.

राजनीति, प्रशासन, इंजीनियरिंग, न्यायपालिका, सुरक्षा बल, खनन और श्रम क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी नीलम से लाभ मिल सकता है. यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा, अंतरदशा, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो और शनि अनुकूल हो, तो नीलम उन्नति और स्थिरता प्रदान करता है.

नीलम पहनने से पहले सावधानी क्यों जरूरी है?

नीलम को 'तुरंत असर दिखाने वाला रत्न' कहा जाता है. इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में नजर आने लगता है. यदि यह शुभ हुआ तो तेजी से सफलता मिलती है, लेकिन अशुभ होने पर मानसिक तनाव, नुकसान और परेशानियां भी बढ़ सकती हैं. इसलिए बिना कुंडली जांच और परीक्षण के नीलम पहनना सही नहीं माना जाता है.

नीलम पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान?

ज्योतिर्विद के अनुसार, नीलम पहनने से पहले 3 से 7 दिन तक उसका परीक्षण जरूर करें. इसे शनिवार के दिन, शनि होरा में धारण करना सबसे शुभ माना जाता है. नीलम को पंचधातु या लोहे की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए. धारण करते समय शनि मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का जाप करने से शुभ फल बढ़ते हैं.

किन लोगों को नीलम नहीं पहनना चाहिए?

जिनकी कुंडली में शनि नीच, अस्त या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, उन्हें नीलम नहीं पहनना चाहिए. मेष, कर्क और सिंह राशि के जातकों को भी बिना विशेष योग के नीलम से बचना चाहिए. मानसिक तनाव, अवसाद या अत्यधिक क्रोध से ग्रस्त लोगों को भी यह रत्न नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए नीलम पहनने से पहले सही सलाह लेना ही सबसे समझदारी भरा कदम है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)