
Pukhraj Stone Ke Niyam: वैदिक ज्योतिष में पुखराज रत्न को बहुत ही शुभ और प्रभावशाली माना गया है. यह रत्न देवगुरु बृहस्पति से संबंधित होता है. बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, धर्म, शिक्षा, संतान, विवाह, भाग्य और धन का कारक माना जाता है. जब कुंडली में गुरु मजबूत होता है तो व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, सम्मान और उन्नति आती है. ऐसे में पुखराज रत्न गुरु की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक माना जाता है.
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पुखराज रत्न किन राशि वालों के लिए शुभ है?
ज्योतिषविद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, पुखराज रत्न उन्हीं लोगों को पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह शुभ स्थिति में हो या गुरु की महादशा, अंतरदशा अथवा गोचर अनुकूल चल रहा हो. विशेष रूप से इन राशियों के लिए पुखराज अत्यंत लाभकारी माना गया है-
धनु राशि
इस राशि के स्वामी स्वयं गुरु हैं. पुखराज धारण करने से भाग्य मजबूत होता है, करियर में तरक्की मिलती है और मान-सम्मान बढ़ता है.
मीन राशि
मीन भी गुरु की ही राशि है. पुखराज पहनने से शिक्षा, आध्यात्म, आर्थिक स्थिति और मानसिक शांति में वृद्धि होती है.
कर्क राशि
कुछ विशेष कुंडली स्थितियों में गुरु कर्क राशि वालों के लिए योगकारक बन जाता है. ऐसे में पुखराज नौकरी, व्यापार और पारिवारिक जीवन में उन्नति देता है.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए पुखराज संतान सुख, शिक्षा, रिसर्च और गूढ़ विषयों में लाभ देता है, बशर्ते गुरु शुभ हो.
पुखराज पहनने के नियम
पुखराज धारण करते समय कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है-
- पुखराज हमेशा सोने की अंगूठी में पहनना शुभ माना जाता है.
- इसे तर्जनी उंगली में धारण किया जाता है.
- पहनने का सबसे अच्छा दिन गुरुवार है.
- अंगूठी पहनने से पहले गुरु मंत्र 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' का जाप करें.
- रत्न शुद्ध, दोषरहित और सही वजन का होना चाहिए.
राकेश चतुर्वेदी कहते हैं, हर व्यक्ति के लिए एक ही रत्न लाभकारी हो, यह जरूरी नहीं. गलत रत्न नुकसान भी दे सकता है. इसलिए पुखराज पहनने से पहले अपनी कुंडली किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिर्विद को अवश्य दिखाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)