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दिसंबर के महीने में इस दिन पड़ेगा सोम प्रदोष व्रत, यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Som pradosh vrat 2022 : 27 गुलाब के लाल फूल चंदन के इत्र के साथ शाम के समय पति पत्नी दोनों मिलकर भोलेनाथ को नमः शिवाय 27 बार बोलकर अर्पण करें. मान्यतानुसार ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी और आप के सोचे हुए सभी कार्य सिद्ध हो जाएंगे.

Edited by Updated : December 06, 2022 11:03 AM IST
दिसंबर के महीने में इस दिन पड़ेगा सोम प्रदोष व्रत, यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Puja tips : शिवलिंग पर चंदन लगाकर मदार, बेलपत्र, भांग, पुष्प अर्पित करें और विधि पूर्वक पूजन करने के बाद आरती करें.
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Som Pradosh Vrat 2022: हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित किया जाता है. इस बार मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर यानी दिन सोमवार को है. इस दिन सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भोलेनाथ (Bholenath) को प्रसन्न करने और जल्द कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखना लाभकारी होता है. भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं जिनकी आराधना देवी देवता, असुर, ऋषि, दैत्य सभी करते हैं. यहां जानिए मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत का मुहूर्त और क्या है महत्व. 

सोम प्रदोष व्रत का मुहूर्त | Som Pradosh Vrat Shubh Muhurt 

पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 5 दिसंबर 2022 की सुबह 5:57 पर शुरू होगी. इस पूजा का समापन अगले दिन 6 दिसंबर 2022 को सुबह 6:45 पर होगा.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व | Significance of Som Pradosh Vrat

दिसंबर के महीने की 5 तारीख को सोम प्रदोष व्रत रहेगा. इस दिन सच्चे भक्ति भाव से भक्त पूजा पाठ कर व्रत रखते हैं. कहते हैं कि जो भी भक्त इस सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस व्रत में भोलेनाथ की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. इस व्रत को करने से भगवान शिव (Lord Shiva) की पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सकती है और सभी तरह की विपदाओं को भगवान हर लेते हैं. कहते हैं कि धन की कमी को खत्म करने के लिए भी प्रदोष व्रत लाभदायक है. मान्यतानुसार इस व्रत को करने से सभी तरह के रोग दूर हो जाते हैं. इस व्रत को लेकर यह भी मान्यता है कि अविवाहित युवक-युवतियों को प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए. इससे उन्हें योग्य वर वधु की प्राप्ति होती है.

सोम प्रदोष व्रत के पूजा की विध | Method of worship of Som Pradosh Vrat

  • सोम प्रदोष व्रत के दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा और स्वच्छ कपड़े धारण करने होंगे.इसके बाद एक चौकी रखें. उस पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या मूर्ति विधिवत स्थापित करें.

  • इसके बाद षोडशोपचार पूजन करें.शाम के समय एक बार फिर स्नान करने के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें. गाय के दूध, घी, दही शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें.

  • इसके बाद शिवलिंग पर चंदन लगाकर मदार, बेलपत्र, भांग, पुष्प अर्पित करें और विधि पूर्वक पूजन करने के बाद आरती करें.

वैवाहिक जीवन को सुखद करने का उपाय है सोम प्रदोष व्रत

  • अगर सप्तम भाव में पापी ग्रहों जैसे शनि,राहु, मंगल और केतु के कारण आपके दांपत्य जीवन में खटास आ गई है तो यह उपाय आपको जरूर करना चाहिए. 27 गुलाब के लाल फूल चंदन के इत्र के साथ शाम के समय पति पत्नी दोनों मिलकर भोलेनाथ को नमः शिवाय 27 बार बोलकर अर्पण करें. मान्यतानुसार ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी और आप के सोचे हुए सभी कार्य सिद्ध हो जाएंगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)