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कब से शुरू हो रहा है हिन्दू महीना वैशाख? यहां जानें तारीख और इस मास में किए जाने वाले जरूरी काम

Vaishakh kab hai : इस माह में कई व्रत और त्योहार भी होते हैं, जैस-अक्षय तृतीया, बरुथिनी और मोहिनी एकादशी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, वैशाख अमावस्या और वैशाख पूर्णिमा. तो चलिए जानते हैं वैशाख महीना कब शुरू हो रहा है और इस मास कौन से कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं.

Written by , Edited by Updated : April 07, 2023 8:47 AM IST
कब से शुरू हो रहा है हिन्दू महीना वैशाख? यहां जानें तारीख और इस मास में किए जाने वाले जरूरी काम
इस महीने आप भगवान Vishnu के माधव स्वरूप की पूजा करें और ओम माधवाय नम: मंत्र का जाप करें.
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Vaishakh 2023 : अभी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना चैत्र चल रहा है. इसके बाद आता है वैशाख का महीना. मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु ने राम के अवतार में जन्म हुआ था. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार स्कंद पुराण में इस महीने को बहुत पवित्र और फलदायी माना गया है. इस माह में कई व्रत और त्योहार भी होते हैं, जैस-अक्षय तृतीया, बरुथिनी और मोहिनी एकादशी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, वैशाख अमावस्या (vaishakh amavasya 2023) और वैशाख पूर्णिमा. तो चलिए जानते हैं यह महीना कब शुरू हो रहा है और इस मास कौन से कार्य किए जाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं.

वैशाख कब से शुरू हो रहा है

वैशाख माह का प्रारंभ 07 अप्रैल दिन शुक्रवार से हो रहा है. इस दिन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि भी है. यह तिथि सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक मान्य है.

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कौन से काम करें वैशाख में

  • इस महीने आप भगवान विष्णु के माधव स्वरूप की पूजा करें और ओम माधवाय नम: मंत्र का जाप करें. इससे जीवन में सुख और समृद्धि आएगी. विष्णु जी की पूजा में पंचामृत और तुलसी का जरूर मिलाएं.

  • मान्यता है कि इस महीने में गीता का पाठ करना अच्छा माना जाता है. इससे घर की सुख शांति बनी रहती है. वैशाख माह में कथा आदि का भी आयोजन करना शुभ फलदायी हो सकता है. इस महीने में पड़ने वाला अमावस्या का दिन भी महत्व रखता है.

  • अमावस्या में पितरों को तर्पण, पिंडदान करें. आपको बता दें कि दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या को शनि जयंती के रूप में भी मनाई जाती है. इस दिन शनि देव (shani dev puja) की पूजा करके कुंडली के शनि दोष और पितृ दोष के असर को कम कर सकते हैं.

  • वैशाख के महीने में गर्मी चरम पर होती है, इसलिए इस मास में पशु-पक्षियों को जल अन्न खिलाना पवित्र माना जाता है. इससे जीव-जन्तु भूखे नहीं रहते हैं और भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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