Mahesh Navami kab hai : महेश भगवान शिव को कहा जाता है तो, इससे स्पष्ट होता है कि यह त्योहार बाबा भोलेनाथ को समर्पित है. हर साल जेष्ठ शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी मनाई जाती है. इस दिन शिव मंदिरों में तो बाबा के दर्शन करने के लिए भक्त घंटों लंबी कतारों में खड़े रहते हैं. ऐसी माान्यता है कि उनके दर्शन और पूजा पाठ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. महेश नवमी (Mahesh Navami date) के दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता है. ऐसे में इस बार यह नवमी कब पड़ रही है, पूजा विधि और महत्व क्या है उसके बारे में जान लेते हैं.
कब है महेश नवमी
इस बार महेश नवमी दिन सोमवार 29 मई को पड़ रही है. महेश नवमी इसलिए भी खास है इस बार क्योंकि यह सोमवार का दिन पड़ रहा है. शास्त्रों के अनुसार सप्ताह का यह दिन बाबा भोलेनाथ को समर्पित होता है. मान्यतानुसार यह नवमी आदि काल से मनाई जा रही है.
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पूजा विधि
1- महेश नवमी के दिन आप शिवलिंग (shiv) पर दूध से अभिषेक करें. इससे महादेव प्रसन्न होंगे. आप चाहें तो घर पर मिट्टी से शिवलिंग बनाकर भी उनका अभिषेक कर सकते हैं, जो लोग मंदिर नहीं जा सकते हैं किसी कारणवश.
2- भोलेनाथ को धतूरा बहुत पसंद है. ऐसे में उनकी पूजा में धतूरा (dhatura) चढ़ाना ना भूलें. इस दिन उनको बेलपत्र भी चढ़ाएं. आप बेलपत्र पर राम राम लिखकर चढ़ा सकते हैं, इससे शिव जी प्रसन्न होंगे.
3- वहीं, आप भगवान शिव की पूजा में भांग (bhang) भी चढ़ा सकती हैं. यह उनको बहुत प्रिय है.साथ ही आपको भगवान शिव को केसर का तिलक भी लगाना चाहिए. इससे सारी अड़चनें दूर होती हैं. जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष है उनको तो ये जरूर करना चाहिए.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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