Saturn third house : कुंडली का तीसरा भाव काफी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में इस भाव में शनि की स्थिति भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. कुंडली का तीसरा भाव भाई-बहन के साथ संबंधों का कारक होता है. इस भाव में शनि अच्छे प्रभाव देते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि शनि को अशुभ ग्रह भी माना जाता है. वैसे इस भाव में शनि के प्रभाव से जातक को किसी भी काम को सुलझाने में कोई खास परेशानी नहीं होती है. एक खास बात यह भी है कि व्यक्ति अपने काम पर फोकस करता है और उसे अपना समय बेकार के कार्यों में लगाना पसंद नहीं होता. तीसरे भाव में शनि का आपके व्यावसायिक जीवन, दूसरों के साथ व्यवहार और आपके बातचीत करने के तरीके पर प्रभाव देखने को मिलता है.
शनि के सकारात्मक प्रभाव
इस भाव में शनि के सकारात्मक प्रभाव की बात करें, तो जातक न्याय प्रिय, चतुर, बुद्धिमान और स्वभाव से उदार होता है. जातक को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और उसे भाग्य का भी साथ मिलता है. इनके दोस्तों की संख्या भी अधिक होगी. ये काफी मददगार भी होते हैं.
शनि के नकारात्मक प्रभाव
शनि के नकारात्मक प्रभाव की बात करें, तो जातक में आलस्य भी देखने को मिल सकता है. कई बार उनमें अशांति और उलझन की भावना होती है. कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता न मिलने के कारण परेशानी हो सकती है. भाइयों के साथ भी उनके संबंध तनाव पूर्ण हो सकते हैं. वैसे तो स्वास्थ्य संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं दिखती, लेकिन मौसमी बीमारियों के कारण परेशानी हो सकती है. वाहन चलाने में भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
तीसरे भाव में शनि के कारण वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वैवाहिक जीवन में सुख और शांति के लिए जीवनसाथी के साथ सामंजस्य बनाए रखने की जरूरत होगी. हालांकि तीसरे भाव में शनि के कारण आपका लाइफ पार्टनर सच्चा और ईमानदार हो सकता है. अगर शनि अनुकूल स्थिति में हों, तो वे आपके वैवाहिक संबंध भी अनुकूल हो सकते हैं.
करियर पर प्रभाव
तीसरे भाव में शनि के करियर पर प्रभाव की बात करें, तो जातक काफी बुद्धिमान होता है और इस कारण वह एक अच्छा सलाहकार भी हो सकता है. शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका करियर आगे बढ़ सकता है. जातक की ज्योतिष में भी रूचि होती है. शनि के प्रभाव से जातक को पढ़ाई में भी परेशानी हो सकती है. जातक की बिजनेस से जुड़ी यात्रा भी हो सकती है. उन्हें अच्छे धन की भी प्राप्ति भी होगी. शनि की विपरीत स्थिति के कारण जातक को सफलता मिलने में विलंब का सामना करना पड़ सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)