
Paush Amavasya 2025: आज यानी 19 दिसंबर को साल की आखिरी अमावस्या है, जिसे पौष अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह तिथि बहुत ही पुण्यकारी मानी जाती है. सनातन धर्म में अमावस्या का दिन पितरों की शांति, पितृदोष निवारण, धन वृद्धि और ग्रह शांति के लिए खास होता है. ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, इस दिन गाय की सेवा करना सबसे श्रेष्ठ दान माना गया है. पौष अमावस्या पर गाय को भोजन कराना विशेष फल देता है.
अमावस्या पर गाय को क्या खिलाना चाहिए?
गुड़ और रोटी
ज्योतिर्विद बताते हैं, धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन गाय को गुड़-रोटी खिलाने से घर में अन्न-धन की कमी नहीं रहती है. यह उपाय पितृदोष और आर्थिक रुकावटों को दूर करने में सहायक माना जाता है.
हरा चारा (हरी घास, दूब, हरे चने)
हरा चारा ग्रह शांति के लिए बहुत अच्छा माना गया है. इससे कर्ज की परेशानी कम होती है और जीवन में स्थिरता आती है.
चना दाल या भीगा चना
गाय को चना दाल या भीगा चना खिलाने से रिश्तों में मधुरता आती है. परिवार और समाज में आपसी तालमेल बेहतर होता है.
केला या गुड़ से बना चूर्ण
यह सेहत, सौम्यता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. इससे मन शांत रहता है और स्वभाव में कोमलता आती है.
तुलसी मिला जल
गाय को तुलसी मिला जल पिलाने से मानसिक शांति मिलती है और रोगों से बचाव होता है.
अमावस्या पर गाय को खिलाने का धार्मिक महत्व
धर्म शास्त्रों के अनुसार, गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है. इसलिए गौ सेवा करने से कई प्रकार के दोष शांत हो जाते हैं और जीवन के कष्ट कम होते हैं. मान्यता है कि इससे पितर तृप्त होते हैं, शुक्र और चंद्र दोष शांत होते हैं, मानसिक शांति मिलती है और दान-पुण्य का श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है.
ज्योतिर्विद कहते हैं, पुराणों में बताया गया है कि गौ सेवा करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप तक नष्ट हो जाते हैं. पौष अमावस्या पर श्रद्धा और सच्चे मन से गाय को भोजन कराना जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)