Astrology: कुंडली के नौवें भाव में चंद्रमा अच्छे माने जाते हैं. चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति दार्शनिक हो सकता है. उसमें कल्पनाशीलता भी देखने को मिलती है. इस कारण उसे सही और गलत का फैसला करने में भी परेशानी होती है. कुंडली के नौवें भाव को भाग्य का भाव माना जाता है. इस भाव से रिश्ते, धर्म, यात्रा, विवाह आदि के बारे में जानकारी मिलती है. नौवें भाव के कारक ग्रह सूर्य और बृहस्पति हैं.
चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव
चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव की बात करें तो नौवें भाव में चंद्रमा (Moon) की मौजूदगी से विदेश यात्रा के योग बनते हैं. इस भाव में चंद्रमा का प्रभाव ज्यादातर सकारात्मक होता है. ये लोग अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीर होते हैं और उसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. ये काफी भरोसेमंद और ईमानदार होते हैं. जातक की ईश्वर में आस्था होती है और वे धार्मिक संगठनों से भी जुड़े होते हैं.
चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव
चंद्रमा का आमतौर पर नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिलता. हालांकि विपरीत ग्रहों के प्रभाव में होने के कारण कई बार नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. कई बार इनमें बेचैनी भी होती है और इस कारण वे अपने लक्ष्यों से भी भटक सकते हैं. नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो कई बार अवैध संबंधों में भी लिप्त हो सकते हैं.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
कुंडली के नौवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव से आपके विवाह में विलंब हो सकता है. प्रेम विवाह की भी संभावना होती है. साथी के साथ संबंध बेहतर होने के कारण जातकों का वैवाहिक जीवन भी खुशहाल रहेगा. जीवनसाथी से भी उन्हें सहयोग मिलता है, जिसका असर आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिलता है.
करियर पर प्रभाव
नौवें भाव में चंद्रमा का जातक की शिक्षा पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें सफलता मिलती है और उनका शैक्षणिक प्रदर्शन भी काफी बेहतर होता है. करियर के लिहाज से भी चंद्रमा लाभकारी होते हैं. चंद्रमा के प्रभाव से जातक लेखक और प्रकाशक हो सकता है. मनोरंजन के क्षेत्र में भी इन्हें सफलता मिलती है. नौकरी में भी मनचाही सफलता मिलने के योग बनते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)