Astrology: कुंडली के पहले भाव में चंद्रमा की स्थिति अच्छी मानी जाती है. चंद्रमा मन के कारक हैं. इसके अलावा चंद्रमा (Moon) को धन, सुख-शांति के साथ ही माता का कारक भी माना जाता है. पहले भाव में चंद्रमा से प्रेम और संबंध के साथ ही सामाजिक जीवन के प्रभाव के बारे में जानकारी मिलती है. इस भाव में चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति की आध्यात्म के प्रति भी रुचि देखने को मिलती है. कुल मिलाकर पहले भाव में चंद्रमा को अच्छा माना जाता है और इसके प्रभाव से व्यक्ति का जीवन सुखद होता है.
चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव
कुंडली के पहले भाव में चंद्रमा के प्रभाव से जातक का अपनी मां के साथ काफी लगाव देखने को मिलता है. अपनी मां को लेकर वे काफी भावुक होते हैं. व्यक्ति में काफी आत्मविश्वास भी देखने को मिलता है. खुद को दूसरों के सामने व्यक्त करने में भी ये अच्छे होते हैं. चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति काफी आकर्षक, सीधा और सरल होता है.
चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव
पहले भाव में चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो जातक काफी भावुक होता है. इनकी तार्किक क्षमता कुछ खास नहीं होती, इसलिए विपरीत परिस्थिति में सही निर्णय लेने में वे ज्यादा सक्षम नहीं होते. पहले भाव में चंद्रमा के कारण व्यक्ति को अपने मन और भावनाओं पर काबू पाने की जरूरत है अन्यथा विपरीत परिणाम के साथ ही समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
कुंडली के पहले भाव में चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति का अपने जीवन साथी के साथ काफी लगाव होता है. चंद्रमा अगर मजबूत स्थिति में हैं, तो व्यक्ति को जीवन में सुख और समृद्धि के साथ ही संतान सुख भी मिलता है. ग्रह के प्रभाव से प्रेम संबंधों में भी अनुकूलता होगी.
करियर पर प्रभाव
पहले भाव में चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति कल्पनाशील होगा. उनकी रचनात्मकता भी काफी बेहतर होती है. इन क्षेत्रों में वे कुछ खास कर सकते हैं. उनकी आध्यात्म के क्षेत्र में भी रूचि होती है. इस क्षेत्र में उन्हें कोई बड़ी उपलब्धि भी मिल सकती है. गीत और संगीत में भी इनकी रुचि देखने को मिलती है. विदेश यात्रा का भी मौका मिल सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)