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मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पूरी होती हैं सब इच्छाएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर राक्षसों को वश में किया था. जानिए इस व्रत में कैसे की जाती है श्रीहरि की पूजा.

Written by , Edited by Updated : May 18, 2024 7:13 AM IST
मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पूरी होती हैं सब इच्छाएं
मोहिनी एकादशी पर किया जाता है भगवान विष्णु का पूजन.
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Mohini Ekadashi 2024: सनातन धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत हर माह में 2 बार आता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में पड़ने वाली 24 एकादशियों को सभी तिथियों में महत्वपूर्ण कहा जाता है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के मोहिनी अवतार की पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है. कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के लिए देवों और दानवों के बीच युद्ध चल रहा था तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर दानवों को मोहित कर लिया था और अमृत कलश उनसे लेकर देवताओं को दे दिया था. इसलिए मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा की जाती है.जानिए इस बार मोहिनी एकादशी किस दिन पड़ रही है और इस दिन व्रत के साथ-साथ पूजा की विधि क्या है.

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कब है मोहिनी एकादशी 

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यानी 2024 में एकादशी तिथि का आरंभ 18 मई को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर हो रहा है. एकादशी तिथि का समापन 19 मई की दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा. उदया तिथि के लिहाज से देखा जाए तो इस साल मोहिनी एकादशी का व्रत (Mohini Ekadashi Vrat) और पूजा 19 मई यानी रविवार के दिन की जाएगी. मोहिनी एकादशी की पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 19 मई को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक पूजा का शुभ समय है. व्रती और अन्य भक्त इस समय भगवान विष्णु की विधिवत पूजा कर सकते हैं. मोहिनी एकादशी का पारण 20 मई सुबह 5 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक किया जा सकता है.

मोहिनी एकादशी की पूजा विधि

मोहिनी एकादशी पर व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने के बाद एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए. इसके पश्चात भगवान को स्नान करवाएं और उनको पीले वस्त्र पहनाएं. इसके बाद चंदन का तिलक लगाकर उनके सामने धूप और दीप प्रज्वलित करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करते हुए तुलसी दल, नारियल, फल और मिठाई अर्पित करें. पंचामृत चढ़ाएं और भगवान की आरती करें. इसके पश्चात ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. इसके बाद आप गरीबों को दान करें और भोजन करवाएं. कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा के साथ-साथ दान करने से जातक को समस्त सांसारिक पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत करने से एक हजार यज्ञों का फल मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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