Lakshami mata puja vidhi in hindi: हमारे शास्त्रों में मां लक्ष्मी का (lakshmi mata) बहुत महत्व है. लक्ष्मी माता को धन एवं सुख समृद्धि की देवी भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिस मनुष्य के ऊपर लक्ष्मी मां (laxmi mata ki puja)की कृपा होती है उसके जीवन में कभी भी धन, सुख-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती. साथ ही वह व्यक्ति सभी भौतिक सुखों को भी प्राप्त करता है. हम आपको यहां पर (Maa Laxmi puja) ऐसी पांच चीजों के बारे में बताएंगे जो मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय है और अगर आप इन्हें अपने मंदिर में रखते हैं तो आपके घर में सुख-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहेगी.
श्री यंत्र को अपने मंदिर में रखें
अपने घर के मंदिर में श्री यंत्र को रखना बहुत शुभ माना जाता है. श्री यंत्र को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. इसे शुक्रवार वाले दिन ईशान कोण में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर स्थापित करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके घर में और आपके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है.
गुलाब का इत्र
अपने घर के मंदिर में स्थापित मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने गुलाब का इत्र रखने से आपके घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है और साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते भी मजबूत होते हैं.
कमल का फूल
मां लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत ज्यादा प्रिय है. इसलिए आपको अपने घर के मंदिर में कमल का फूल जरूर रखना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन में सुख आएगा और धन आगमन के नए स्रोत भी बनते हैं.
दक्षिणावर्ती शंख
बहुत मेहनत करने के बाद भी अगर आप धन अर्जित नहीं कर पाते हैं तो आपको अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख जरूर रखना चाहिए. दक्षिणावर्ती शंख का मां लक्ष्मी से विशेष संबंध होता है. इसलिए ऐसा करने से लक्ष्मी का आगमन का मार्ग खुलता है और साथ ही सुख समृद्धि में भी बढ़ोतरी होती है.
गाय का घी
मां लक्ष्मी के आगे एक कटोरी में आप गाय का शुद्ध देसी घी जरूर रखें. साथ ही अपने घर में रोज एक घी का दीपक जलाएं. इससे आप स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा मां लक्ष्मी की कृपा भी आप पर बनी रहेगी.
माता लक्ष्मी की आरती
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता..
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता.
मैया तुम ही जग-माता..
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता.
मैया सुख संपत्ति दाता.
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता.
मैया तुम ही शुभदाता.
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता.
मैया सब सद्गुण आता.
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता.
मैया वस्त्र न कोई पाता.
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता.
मैया क्षीरोदधि-जाता.
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता.
मैया जो कोई नर गाता.
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता.
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता.
ऊं जय लक्ष्मी माता..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)