
Astrology: कुंडली के पहले भाव में केतु की उपस्थिति मिली जुली मानी जाती है। इस भाव में केतु के प्रभाव से व्यापार आदि में उपलब्धि हासिल होती है. जातक को आध्यात्मिक क्षेत्र में भी सफलता मिलती है. हालांकि ज्यादातर मामलों में यहां केतु को अच्छा फल देने वाला नहीं माना जाता, लेकिन यह राहु की तरह अशुभ फलदायी नहीं होता. केतु की एक खास बात यह है कि अगर आप परिश्रम करते हैं, तो उसके बल पर आपको अपने कार्यों में सफलता मिल सकती है. आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो सकती है. केतु आपको सही मार्ग पर चलना सिखाते हैं. वे आपको नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए भी प्रेरित करते हैं. हालांकि, इस भाव में केतु के प्रभाव से जातक को सही और गलत के बीच अंतर करने में परेशानी होती है.
केतु के सकारात्मक प्रभाव
पहले भाव में केतु के कुछ सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. केतु के प्रभाव से जातक खुद पर और अपनी मेहनत पर भरोसा करने वाला होता है. सगे-संबंधियों के सहयोग से इनका जीवन सुखी हो सकती है. आपको अच्छे लोगों की संगति में रहने की सलाह दी जाती है.
केतु के नकारात्मक प्रभाव
पहले भाव में केतु के प्रभाव के कारण जातक का स्वभाव थोड़ा अस्पष्ट होता है, यानी लोगों के लिए इन्हें समझ पाना थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है. जातक को सेहत से जुड़ी समस्या खासकर सिरदर्द के कारण परेशानी हो सकती है. केतु अगर पीडित हों तो जातक में लालच देखने को मिल सकता है. गलत लोगों के साथ भी उनकी संगति हो सकती है. मानसिक चिंता और भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
वैवाहिक जीवन में केतु के कारण थोड़ी परेशानियां हो सकती है. अगर केतु अशुभ स्थिति में हों, तो जीवनसाथी खासकर पत्नी को सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. हालांकि इस भाव में केतु के प्रभाव से पुत्र की प्राप्ति के योग भी बनते हैं.
करियर पर प्रभाव
केतु के करियर पर प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति उद्यमी होगा. व्यापार में मेहनत से लाभ होगा. परिश्रम के बल पर इनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है. पढ़ाई में भी इनकी रूचि कम होती है. पढ़ाई में कुछ बाधा भी आ सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)