Astrology: कुंडली के ग्यारहवें भाव में बृहस्पति अच्छे माने जाते हैं. इस भाव में गुरू इच्छाओं को पूरा करने वाले माने जाते हैं. गुरू व्यक्ति को एक आरामदायक जीवन जीने में भी मदद करते हैं. इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति कड़ी मेहनत करने के साथ ही सही रास्ते धन कमाने वाला होता है. उसकी आर्थिक स्थित भी स्थिर होती है. गुरू के प्रभाव से उनके दोस्तों का भी एक बेहतर समूह होता है. कुंडली के ग्यारहवें भाव को लाभ का भाव माना जाता है.
गुरू के सकारात्मक प्रभाव
इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति विद्वान बनता है. उसे बड़े भाइयों से भी सहयोग मिलता है. इतना ही नहीं इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति को समाज में भी काफी मान-सम्मान मिलता है. इस भाव को आमदनी और लाभ का भाव भी माना जाता है. ऐसे में व्यक्ति को सरकार की ओर से भी लाभ होता है. इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति उदार स्वभाव के साथ ही परोपकारी स्वभाव वाला होगा.
गुरू के नकारात्मक प्रभाव
ग्यारहवें भाव में गुरू के नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति में कुछ व्यसन हो सकते हैं. इस भाव में गुरू के कारण व्यक्ति में कंजूस प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है. संतान की भी चिंता हो सकती है. इस भाव में गुरू के नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो आपको संपत्ति का नुकसान हो सकता है. कोई दूसरा आपकी संपत्ति को हड़प सकता है. व्यक्ति कई बार गैरजिम्मेदार भी हो सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
कुंडली के ग्यारहवें भाव में गुरू वैवाहिक जीवन के लिए अच्छे माने जाते हैं. इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति को अच्छा जीवनसाथी मिलता है. महिला जातकों को अच्छी तरह से देखभाल करने वाला जीवनसाथी मिलेगा. गुरू के प्रभाव से जातक को अच्छा वैवाहिक सुख मिलता है.
करियर पर प्रभाव
ग्यारहवें भाव में गुरू का करियर पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. इस भाव में ग्रह के प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति को अच्छा धन लाभ होता है. उसके पास आय के कई स्रोत होंगे. जातक को अपने बड़े भाइयों से भी अच्छा सहयोग मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)