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क्या आपको पता है कुंडली के सातवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है, जानिए यहां

Ashubh Grah: कुछ ग्रहों के इस भाव में होने के विपरीत परिणाम भी देखने को मिलते हैं. यहां हम अशुभ माने जाने वाले ग्रहों के इस भाव में प्रभाव को जानेंगे.

Edited by Updated : January 09, 2024 7:39 AM IST
क्या आपको पता है कुंडली के सातवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है, जानिए यहां
ज्योतिष में सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु को अशुभ माना जाता है.
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Astrology: कुंडली का सातवां भाव भी अन्य भाव की तरह काफी महत्वपूर्ण होता है. यह भाव आपके व्यक्तित्व के पहलुओं के बारे में बताता है. इस भाव को साझेदारी खासकर विवाह का घर भी माना जाता है. कुछ ग्रहों के इस भाव में होने के विपरीत परिणाम भी देखने को मिलते हैं. यहां हम अशुभ माने जाने वाले ग्रहों के इस भाव में प्रभाव को जानेंगे. ज्योतिष में सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु को अशुभ माना जाता है. जानते हैं सातवें भाव में इन ग्रहों का कैसा प्रभाव होगा.

कुंडली के सातवें भाव में अशुभ ग्रह

कालपुरुष की कुंडली में सातवें भाव के स्वामी ग्रह शुक्र और राशि तुला है. इस भाव को विवाह या साझेदारी का घर माना जाता है. हालांकि, यहां अशुभ ग्रह के होने के कारण विवाह में विलंब का सामना करना पड़ता है. आशक्ति के कारण कई बार परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. अगर इस भाव में राहु हो तो काफी परेशानी हो सकती है.

सातवें भाव में सूर्य देता है स्वभाव में कठोरता

सातवें भाव में सूर्य के प्रभाव से आपको पार्टनरशिप में लाभ होगा. विवाह से भी आपको लाभ मिल सकता है. आपको पता है कि क्या करना है और इसलिए आप काफी तेजी से आगे बढ़ते जाएंगे. इसके प्रभाव से आप में काफी आत्मविश्वास भी देखने को मिलेगा. वैसे इस भाव में सूर्य का होना शुभ नहीं माना जाता है. इसके प्रभाव से आप में घमंड देखने को मिल सकता है. स्वभाव में भी कठोरता हो सकती है. मैरिड लाइफ के लिए भी इस भाव में सूर्य अच्छे नहीं माने जाते. वैवाहिक जीवन में सामंजस्य में कमी देखने को मिल सकती है. बुआ के साथ भी आपके संबंध खराब हो सकते हैं. इतना ही नहीं पारिवारिक संबंधों में भी परेशानी हो सकती है.

सातवें भाव में मंगल के कारण हो सकता है अलगाव

सातवें भाव में मंगल अच्छे नहीं माने जाते हैं. इससे विवाह में विलंब हो सकता है और जीवनसाथी के साथ भी आपका रिश्ता ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा. कई बार अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. मंगल के कारण व्यक्ति में बेचैनी और चिड़चिड़ापन भी देखने को मिल सकता है. इस भाव में मंगल के कारण आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. आर्थिक स्थिति के लिए भी इस भाव में मंगल सही नहीं माने जाते. आपको काफी खर्च भी करना पड़ सकता है. वैसे आप अपने लिए एक बेहतरीन साथी की तलाश में होंगे जो हर वक्त आपके साथ खड़ा रहे. यहां पर मंगल बिजनेस और करियर के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं. आपको पेट संबंधी परेशानी भी हो सकती है. 

शनि के कारण बनती है अविवाहित रहने की स्थिति

सातवें भाव में शनि हो तो व्यक्ति को विवाह से धन की प्राप्ति होती है. सातवें भाव में शनि भी कई बार फलदायी होते हैं. व्यक्ति रोमांटिक होने के साथ ही अपने साथी के प्रति लॉयल हो सकता है. आपका साथी आपको मेहनत के लिए भी प्रेरित कर सकता है. हालांकि, कई बार आपको अपने रिश्ते में कमी भी महसूस हो सकती है. दांपत्य जीवन में भी इसका असर देखने को मिलता है. कई बार अविवाहित होने की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. ऐसे लोगों को मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है. अगर इस भाव में शनि हो तो संतान होने में विलंब होता है और संतान को कष्ट भी हो सकता है. आर्थिक समस्या भी हो सकती है.

राहु के प्रभाव से स्वभाव में दिखेगी उग्रता

राहु के कारण कुछ स्थितियां अच्छी तो होंगी, लेकिन आप में विश्वास की कमी भी देखने को मिल सकती है. फिर भी कुछ विद्वानों के अनुसार राहु के कारण ज्यादातर अशुभ फल ही मिलते हैं. ऐसे लोग स्वतंत्रता पसंद होते हैं. आपका विवाह थोड़ा जल्दी हो सकता है अन्यथा इसमें काफी विलंब भी देखने को मिल सकता है. वैसे जीवनसाथी के साथ प्रेम देखने को मिलेगा. नौकरी में कोई खास परेशानी नहीं होगी. राहु के प्रभाव से व्यक्ति क्रोधी हो सकता है. ऐसे लोग घमंडी और स्वभाव से उग्र भी हो सकते हैं. इनकी संगत का भी असर इन पर देखने को मिलता है.

केतु के कारण वैवाहिक जीवन में होती है कठिनाई

केतु के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं. स्वास्थ्य को लेकर भी परेशानी हो सकती है. बिजनेस में पार्टनरशिप को लेकर भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि पार्टनरशिप में आपको नुकसान का सामना करना पड़े. हालांकि, इस भाव में केतु आर्थिक मामलों के लिए अच्छे माने गए हैं. आपको आर्थिक लाभ हो सकता है. इस भाव में केतु के कारण व्यक्ति निर्णय लेने और सोचने-समझने के मामले में कमजोर हो सकता है. काफी खर्च भी होगा. दोस्तों से भी परेशानी हो सकती है. आपकी गलत लोगों के साथ भी संगति हो सकती है, जो परेशानी का कारण बन सकती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)