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कुंडली के चौथे भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है, जानिए यहां

Shubh Grah: कुंडली के चौथे भाव में अगर शुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर उसका प्रभाव भी अच्छा होता है. कुंडली में गुरु, बुध, शुक्र और चंद्रमा का होना शुभ माना जाता है.

Edited by Updated : December 19, 2023 1:52 PM IST
कुंडली के चौथे भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है, जानिए यहां
Shubh Grah In Kundli: हर भाव में ग्रहों का प्रभाव शुभ और अशुभ होता है और यह सब कुछ ग्रहों की स्थिति पर पर निर्भर करता है.
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Astrology: कुंडली का हर भाव कुछ कहता है. हर भाव का अपना एक अलग पहलू होता है और उसके जरिए आपके जीवन में होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है. इस भाव में अगर कोई ग्रह मौजूद हो, तो उसके मुताबिक प्रभाव देखने को मिलता है. कुंडली के इन भावों में ग्रहों की मौजूदगी से यह पता चलता है कि आपका जीवन कैसा रहेगा. हर भाव का प्रभाव ग्रहों की स्थिति पर ही निर्भर करता है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के चौथे भाव में ग्रहों के प्रभाव की. कुंडली के चौथे भाव में अगर शुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर उसका प्रभाव भी अच्छा होता है. कुंडली में गुरु, बुध, शुक्र और चंद्रमा का होना शुभ माना जाता है. हालांकि, हर भाव में ग्रहों का प्रभाव शुभ और अशुभ होता है और यह सब कुछ ग्रहों की स्थिति पर पर निर्भर करता है. आइए जानते हैं चौथे भाव में शुभ ग्रहों का आपके जीवन पर क्या प्रभाव होता है.

कुंडली के चौथे भाव में चौथा ग्रह 

कुंडली के चौथे भाव से जमीन और मकान के बारे में पता चलता है. अगर इस भाव में शुभ ग्रहों की युति हो, तो मकान का सुख मिलता है. चौथा भाव परिवार का भी प्रतीक होता है. वैदिक ज्योतिष के मुताबिक इस भाव का संबंध माता से भी है. चौथा भाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इससे आपके पूरे जीवन सफर का पता चलता है. यह सुरक्षा के साथ ही अन्य मामलों को भी संदर्भित करता है.

चंद्रमा के प्रभाव से मिलेगी भावनात्मक स्थिरता

चौथे भाव का शासक ग्रह चंद्रमा और राशि कर्क है. शारीरिक रूप से देखें, तो यह छाती और फेफड़ों से जुड़ा है. अगर चौथे भाव में चंद्रमा हों तो आप भावनात्मक रूप से काफी स्थिर नजर आएंगे. इतना ही नहीं आप अपने मूल स्थान से जुड़े रहेंगे, साथ ही अपनी परंपराओं पर भी आपका विश्वास होगा और संबंधों में भी मजबूती आएगी. इस भाव में चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति का अपनी माता के साथ ही परिवार के प्रति भी काफी लगाव होता है. स्वभाव से भी ये काफी उदार होते हैं. आमतौर पर इन्हें मानसिक रूप से ज्यादा परेशानी नहीं होती है. इस भाव में चंद्रमा के प्रभाव से इन्हें धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए ज्यादा मेहनत करने की भी जरूरत नहीं होती. आपको घूमना-फिरना भी पसंद होता है.

गुरु के प्रभाव से विरासत में मिल सकती है संपत्ति

चौथे भाव में गुरु के प्रभाव आपके घरेलू जीवन पर देखने को मिलता है. इसके प्रभाव से आपकी वित्तीय स्थिति भी बेहतर नजर आएगी. आपको विरासत में भी संपत्ति मिल सकती है. इतना ही नहीं माता-पिता के साथ भी आपके संबंध बेहतर रहेंगे, जिससे आपकी लाइफ बेहतर होगी. ऐसे लोग काफी बुद्धिमान और शारीरिक रूप से भी मजबूत होते हैं. बोलने में भी माहिर होते हैं. ये काफी महात्वाकांक्षी हो सकते हैं. दूसरे लोग भी इन्हें काफी पसंद करते हैं. इनमें दूसरों का आदर करने की प्रवृत्ति होती है और ये अपने गुरुओं को काफी आदर और सम्मान देते हैं. सरकार की ओर से भी इन्हें कई तरह की सुविधाएं मिल सकती है. अगर आप व्यापार करते हैं, तो आपको उस पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है.

शुक्र के प्रभाव से माता के प्रति होता है लगाव

चौथे भाव में शुक्र के प्रभाव से आपकी लाइफ बेहतर रहेगी. आपका घरेलू जीवन काफी खुशहाल हो सकता है. शुक्र के प्रभाव से आपस में प्रेम और सद्भाव भी बना रहेगा, जिससे आपका जीवन अच्छी तरह आगे बढ़ेगा. चौथे भाव में शुक्र का फल ज्यादातर अच्छा ही होता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति व्यवहार कुशल होता है. हालांकि, वह थोड़ा बातूनी हो सकता है. ऐसे लोगों का पूजा-पाठ में भी काफी मन लगता है. इन लोगों की बुद्धि बेहतर होती है और पढ़ाई में भी इन्हें उपलब्धि हासिल होती है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति का अपनी माता के प्रति काफी लगाव देखने को मिलता है. इसके साथ ही ऐसे लोगों को सभी तरह के भौतिक सुख की प्राप्ति होती है.

होते हैं काफी धैर्यवान

कुंडली के चौथे भाव में बुध भावनात्मक गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करता है. इसके प्रभाव से आपकी मानसिकता सकारात्मक और नकारात्मक हो सकती है. सब कुछ आपके अपने व्यवहार पर निर्भर करता है. बुध के प्रभाव से व्यक्ति में वाक चातुर्यता देखने को मिलती है. ये काफी धैर्यवान होते हैं और इनमें नेतृत्व वाला गुण भी देखने को मिलता है. बुध के प्रभाव से व्यक्ति को वाहन का सुख मिलेगा, तो माता-पिता से भी सुख की प्राप्ति होगी. इतना ही नहीं जीवनसाथी के साथ ही संतान सुख भी मिलेगा. कई बार इनमें आलस्य और चंचलता भी देखने को मिल सकती है. इससे बचना होगा, अन्यथा परेशानी हो सकती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)