Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन कन्यापूजन किया जाता है. इस वर्ष 29 मार्च यानी आज अष्टमी (Ashtami) तिथि है. महाष्टमी पर मान्यतानुसार मां महागौरी की पूजा की जाती है. माता की पूजा के पश्चात विधि-विधान से घर में कन्यापूजन (Kanya Pujan) होता है. कन्यापूजन करने के लिए आस-पड़ोस की बालिकाओं को घर में निमंत्रण दिया जाता है और उनकी पूजा कर प्रसाद खिलाया जाता है और उपहार दिए जाते हैं. माना जाता है कि बालिकाएं साक्षात मां दुर्गा का रूप होती हैं और इसीलिए नवरात्रि के नौ दिनों की भांति ही घर में नौ बालिकाओं को बुलाते हैं. परंतु, भक्त जाने-अनजाने नासमझी में ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं जिनसे मां दुर्गा प्रसन्न होने के बजाय क्रोधित भी हो सकती हैं. अगर आप भी अष्टमी पर कन्यापूजन कर रहे हैं तो कुछ गलतियों को करने से बचें.
अष्टमी कन्यापूजन पर ना करें ये गलतियां | Mistakes To Avoid In Ashtami Kanya Pujan
कम कन्याओं को बुलाना
कहते हैं घर में चाहे अन्न कम हो लेकिन श्रद्धाभाव से खिलाया एक टुकड़ा भी मां दुर्गा के मन को प्रलोभित कर लेता है. ऐसे में माना जाता है कि कन्यापूजन में नौ कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि कन्यापूजन में कभी भी 7 से कम कन्याएं ना बिठाई जाएं.
डांटने-डंपटने से करें परहेज
आमतौर पर कन्यापूजन में बेहद छोटी बालिकाओं को बुलाया जाता है. बच्चियां बेहद नटखट भी होती हैं तो कई बार नया घर देखकर रोना भी शुरू कर देती हैं. ऐसे में कन्याओं को डांटने की गलती ना करें. आप कन्याओं को मां दुर्गा (Ma Durga) का स्वरूप मानकार भोजन करवा रहे हैं इसीलिए आपका डांटना स्वयं मां दुर्गा को डांटना हुआ. इससे परहेज करें और शांत भाव से बच्चियों के साथ पेश आएं.
ना करें अनादर
घर आई दुर्गा मां का अनादर ना किया जाए इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है. कन्याओं को कहां किसके साथ बैठना है, खाना सारा खाना ही है या फिर कैसा व्यवहार करना है इसे लेकर किसी तरह की जबरदस्ती ना करें. साथ ही, ध्यान रहें कि आप किसी कन्या के साथ किसी भी तरह का भेदभाव ना करें.
भोजन को लेकर सावधानी
इसमें कोई दोराय नहीं कि नवरात्रि के प्रसाद (Navratri Prasad) में सात्विक भोजन परोसा जाता है और प्याज या लहसुन का जरा भी इस्तेमाल नहीं होता है. इसके साथ ही ध्यान रखना जरूरी है कि प्रसाद परोसने से पहले माता रानी को भोग लगा दिया गया हो और इसके अलावा किसी और ने घर पर भोजन को झूठा ना किया हो. कन्याओं की थाली में रखे भोजन को उनसे पहले चखना भी झूठा भोजन कहा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)