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कुंडली के पांचवें भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है, जानिए यहां

Shubh Grah:  चंद्रमा, गुरु, शुक्र और बुध को शुभ ग्रह माना जाता है. आइए जानते हैं पांचवें भाव में शुभ ग्रहों का आपके जीवन पर क्या प्रभाव होता है.

Edited by Updated : December 26, 2023 6:17 AM IST
कुंडली के पांचवें भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है, जानिए यहां
बुध का पांचवें भाव में होना व्यक्ति की रचनात्मकता का प्रतीक है.
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Astrology: कुंडली का हर भाव का अपना महत्व होता है. इससे हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है. कुंडली के संबंधित भाव में किसी खास ग्रह की मौजूदगी का उचित और अनुचित प्रभाव देखने को मिलता है. अगर शुभ ग्रह हों, तो उसका शुभ प्रभाव हमें जीवन में देखने को मिलता है. चंद्रमा, गुरु, शुक्र और बुध को शुभ ग्रह माना जाता है. ऐसे में अगर आपके पांचवें भाव में ये ग्रह मौजूद हों, तो इसका पूरा असर आपके जीवन पर पड़ता है. आइए जानते हैं पांचवें भाव में शुभ ग्रहों का आपके जीवन पर क्या प्रभाव होता है.

कुंडली के पांचवे भाव में शुभ ग्रह

कुंडली के पांचवां भाव संतान से जुड़ा होता है. इससे आपकी कल्पनाशक्ति और जीवन में प्रेम आदि की भी जानकारी मिलती है. कुल मिलाकर कहें, तो यह भाव खुशियों का प्रतिनिधित्व करता है. हालांकि, सब कुछ आपके बेहतरीन कार्यों पर भी निर्भर करता है. यह भी पता चलता है कि पिछले जन्म में आपके कर्म कैसे थे.

चंद्रमा के प्रभाव से मिलेगी भावनात्मक स्थिरता

अगर कुंडली के पांचवें भाव में चंद्रमा हो, तो व्यक्ति का प्रेम संबंधों के साथ ही ज्यादा से ज्यादा आय प्राप्त करने के प्रति झुकाव देखने को मिलता है. यह आपके निवेश के बारे में भी बताता है. हालांकि, कई बार व्यक्ति में अति आत्मविश्वास भी होता है, जो अहंकार में भी बदल जाता है. व्यक्ति सही तरीके से धन कमाने पर जोर देता है. सरकार की ओर से भी मान-सम्मान मिल सकता है. दूसरों के प्रति भी उसके मन में अच्छे भाव देखने को मिलते हैं. पांचवें भाव में चंद्रमा अगर कमजोर हो, तो इसका असर आपकी धन-संपत्ति पर देखने को मिलेगा. इतना ही नहीं परिवार के लिए बाधा भी उत्पन्न कर सकता है.

गुरु के प्रभाव से कर सकते हैं अच्छा निवेश

गुरु ग्रह ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में पांचवें भाव में गुरु के प्रभाव से व्यक्ति बेहतरीन शिक्षक भी बन सकता है. ऐसे व्यक्ति की विचारधारा और दृष्टिकोण भी काफी मजबूत हो सकती है. इतना ही नहीं यह करियर के बारे में भी बताता है. ऐसे लोगों की वाणी मधुर होगी. ये अच्छे व्याख्याता भी हो सकते हैं. ज्योतिष आदि में भी इनकी रुचि देखने को मिलती है. इन्हें संतान सुख भी मिलता है. आप निवेश भी कर सकते हैं जिससे आपको लाभ भी होगा, लेकिन आपको गलत कार्यों से बचने की जरूरत होगी.

शुक्र के प्रभाव से दिखेगी कलात्मकता

अगर पांचवें भाव में शुक्र हों तो व्यक्ति में कलात्मक प्रतिभा देखने को मिलता है. आपमें कलात्मकता के प्रति रुचि देखने को मिलेगी और यह आपके जीवन के हर पहलू में नजर आएगा. शुक्र आपको कई तरीकों से धन का लाभ भी देंगे, लेकिन इसके लिए आपको काफी सावधानी से कदम आगे बढ़ाने होंगे. शुक्र पांचवें भाव में काफी फलदायी होता है. ऐसे लोग उदार चित्त वाले होते हैं. दान-पुण्य में भी इनकी रुचि देखने को मिलती है. लेखन आदि की ओर भी झुकाव होता है. कम प्रयास से ही धन की प्राप्ति के भी योग बनते हैं. अगर पांचवें भाव में शुक्र हो, तो व्यक्ति का रोमांस के प्रति खासा झुकाव देखने को मिलेगा. आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से हो सकती है जो आपकी खूब केयर करेगा. इतना ही नहीं लेखन, संगीत आदि के क्षेत्र में भी आपको सफलता मिलेगा.

रचनात्कमता के प्रतीक हैं बुध 

बुध का पांचवें भाव में होना व्यक्ति की रचनात्मकता का प्रतीक है. ये लोग संचार और लेखन कार्यों में रूचि रखने वाले होंगे. ये काफी बुद्धिमान और आशावादी भी हो सकते हैं. आपका रचनात्मक कार्यों की ओर ज्यादा झुकाव दिखाई देगा. ऐसे लोग चरित्रवान, धैर्यवान और सदाचारी होते हैं. इन्हें माता-पिता के साथ ही संतान का भी सुख मिलता है. खास बात यह है कि बुध के पंचम भाव में होने से आर्थिक तंगी भी नहीं झेलनी पड़ती. ऐसे लोगों की साहित्य में भी खास रुचि देखने को मिलती है. हालांकि, अक्सर व्यक्ति में लालच की प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)