Telangana Assembly Election 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विधानसभा चुनाव से पहले एक सप्ताह से भी कम समय में तेलंगाना की दूसरी यात्रा की. उन्होंने शनिवार को दलित समुदाय, विशेष रूप से मडिगाओं में पार्टी की पैठ मजबूत करने की कोशिश की. राज्य में यह समुदाय अनुसूचित जाति समुदाय का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं. पीएम मोदी ने मडिगाओं को सशक्त बनाने और अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण पर गौर करने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की. यह समुदाय तीन दशक से यह मांग कर रहा है.
पीएम मोदी का यह वादा महत्वपूर्ण है क्योंकि मडिगा तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों में से 20-25 सीटों पर निर्णायक रूप से नतीजों पर असर डाल सकते हैं. राज्य में बहुमत के लिए 60 सीटें जीतना जरूरी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति द्वारा सिकंदराबाद में आयोजित एक रैली को संबोधित किया. इस समिति के संस्थापक मंदा कृष्णा मडिगा तब रो पड़े जब पीएम मोदी ने कहा कि वे उनका और उनके उद्देश्य का समर्थन करते हैं. प्रधानमंत्री मडिगा नेता को सांत्वना देते हुए दिखाई दिए. मंदा कृष्णा मडिगा ने बाद में नरेंद्र मोदी और बीजेपी को अपने संगठन का समर्थन देने की घोषणा की.
पीएम मोदी ने भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस पर भी निशाना साधा और उन पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया.
पीएम मोदी ने कहा, "हम इस अन्याय को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह हमारा वादा है कि हम जल्द ही एक समिति का गठन करेंगे जो आपको (मडिगा समुदाय) सशक्त बनाने के लिए हर संभव तरीके अपनाएगी. आप और हम यह भी जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में एक बड़ी कानूनी प्रक्रिया चल रही है. हम आपके संघर्ष को उचित मानते हैं.''
उन्होंने कहा कि, "हम न्याय सुनिश्चित करेंगे. यह भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आपको अदालत में भी न्याय मिले. भारत सरकार पूरी ताकत के साथ आपके सहयोगी के रूप में न्याय के पक्ष में खड़ी रहेगी."
प्रधानमंत्री ने बार-बार समान कल्याण और सामाजिक न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया. इसी दौरान मंदा कृष्णा मडिगा भावुक हो गए और रोने लगे. इस पर पीएम उनका हाथ पकड़कर उन्हें सांत्वना देते नजर आए.
एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, "आज की सार्वजनिक बैठक मेरी स्मृति में अंकित रहेगी. मेरी दलित बहनों और भाइयों, मेरी मडिगा बहनों और भाइयों का स्नेह जबर्दस्त . मैं अपने भाई मंदा कृष्णा मडिगा को लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में उनके प्रयासों के लिए सलाम करता हूं."
पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उसने भारत के संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर को दो बार चुनाव जीतने नहीं दिया. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया था और भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान उन्हें 1990 में केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार बनने के बाद ही दिया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि, "कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को दो बार जीतने नहीं दिया. दशकों तक यह सुनिश्चित किया कि बाबा साहेब की तस्वीर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में नहीं लगाई जाए. कांग्रेस के कारण उन्हें दशकों तक भारत रत्न नहीं दिया गया."
पीएम मोदी ने बीआरएस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2014 में बने अलग राज्य तेलंगाना के लिए आंदोलन के दौरान पार्टी ने एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हर दलित की आकांक्षाओं को कुचलने के बाद कुर्सी पर ''अतिक्रमण'' कर लिया.
उन्होंने कहा कि, "बीआरएस दलित विरोधी है और कांग्रेस भी उससे कम नहीं है." पीएम ने कहा कि राजनीतिक दलों और नेताओं ने मडिगाओं से वादे किए और उन्हें धोखा दिया. उन्होंने कहा, "मैं उनके पापों के लिए माफी मांग रहा हूं."
चुनावी रणनीतिपीएम मोदी ने इससे पहले 7 नवंबर को तेलंगाना का दौरा किया था. तब उन्होंने यहां अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक सभा को संबोधित किया था.इन चुनावी रैलियों के क्रम को देखते हुए यह संकेत साफ मिलते हैं कि भाजपा तेलंगाना में ओबीसी और एससी/एसटी वोटों को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. तेलंगाना में बीआरएस राज्य के गठन के बाद से सत्ता में है.
तेलंगाना में दलितों की आबादी 17 प्रतिशत है और मडिगा समुदाय की इस आबादी में करीब 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
आलोचकों ने उप-वर्गीकरण पर गौर करने के लिए एक समिति की घोषणा पर सवाल उठाया है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने वादा किया था कि वह सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर ऐसा करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि कई आयोगों ने इस मुद्दे का अध्ययन किया है और अपनी सिफारिशें दी हैं.
तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.