मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की गिनती भारत के अग्रणी राजनेताओं में होती है. वह फिलहाल राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं. इससे पहले वह पार्टी महासचिव और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) में प्रमुख रणनीतिकार रह चुके हैं. इसके साथ ही वह 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं.
दिग्विजय सिंह पूर्ववर्ती होलकर रियासत के राजपरिवार से आते हैं. लिहाजा, उनके चाहने वाले प्यार से उन्हें 'दिग्गी राजा' और 'राजा साहब' के नाम से भी बुलाते हैं.
दिग्विजय सिंह का जन्म 28 फरवरी, 1947 को ब्रिटिश भारत की पूर्ववर्ती होलकर रियासत (अब मध्य प्रदेश का हिस्सा) के इंदौर में हुआ था. उनके पिता बलभद्र सिंह राघोगढ़ के राजा थे, जिसे वर्तमान में मध्य प्रदेश के गुना जिले के रूप में जाना जाता है. आजादी के बाद 1951 के चुनाव में बलभद्र सिंह राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधानसभा सदस्य चुने गए थे. दिग्विजय सिंह की शिक्षा द डेली कॉलेज, इंदौर और श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SGSITS) इंदौर में हुई. यहां से उन्होंने बी-टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) किया. 1969 में उनकी शादी आशा सिंह से हुई, जिनकी 2013 में मृत्यु हो गई. दिग्विजय सिंह की पहली पत्नी से चार बेटियां और एक बेटा जयवर्धन सिंह हैं, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं. 2018 में कमलनाथ की सरकार में वह शहरी विकास और आवास कैबिनेट मंत्री रहे. अगस्त, 2015 के अंत में दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा टीवी की एंकर अमृता राय के साथ दूसरी शादी की.
दिग्विजय सिंह 1969 और 1971 के बीच राघोगढ़ नगरपालिका में एक नगरपालिका समिति के अध्यक्ष रहे. उन्हें 1970 में विजयाराजे सिंधिया की ओर से जनसंघ में शामिल होने का प्रस्ताव मिला, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. बाद में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. वह 1977 के चुनाव में मध्य प्रदेश विधानसभा के राघोगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी प्रतिनिधि के रूप में विधानसभा सदस्य (MLA) बने. आपको बता दें कि यह वही निर्वाचन क्षेत्र है, जिस पर उनके पिता 1951 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीते थे. बाद में दिग्विजय राघोगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से फिर चुने गए और 1980 और 1984 के बीच अर्जुन सिंह, जिन्हें वह अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं, के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश राज्य सरकार में राज्यमंत्री और बाद में कैबिनेट मंत्री बने.
1985 में राजीव गांधी ने उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया, जहां वह 1988 तक रहे. इसके बाद 1992 में फिर उन्हें अध्यक्ष चुना गया. उन्हें 1984 के आम चुनाव में राजगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 8वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुना गया था. 1977 में वजूद में आई इस सीट को जीतने वाले वह पहले कांग्रेसी राजनेता थे. हालांकि, वह 1989 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्यारेलाल खंडेलवाल से हार गए, लेकिन 1991 में 10वीं लोकसभा के चुनाव में वह एक बार फिर जीतकर संसद पहुंचे. 1993 में, उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. वह इस पद पर 1993 से 2003 तक बने रहे.
दिग्विजय सिंह का जन्म 28-Feb-1947 को इंदौर में हुआ.
दिग्विजय सिंह के माता-पिता का नाम श्रीमती अपर्णा देवी और श्री बलभद्र सिंह है.
बीटेक (मैकेनिकल), SGSTI, इंदौर
कांग्रेस
विवाहित
श्रीमती अमृता राय
1 पुत्र, 4 पुत्रियां
1, श्यामला हिल्स, भोपाल