गर्मियों की शुरुआत से ही सूरज के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे लोगों की दिक्कतें भी बढ़ती जा रही हैं. उन लोगों के लिए ये काफी मुश्किल भरा समय है, जो परिवार चलाने और दो निवालों के खातिर, एसी में नहीं, बल्कि तपती धूप में एक-एक पैसे के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. मजदूर हो या खाना डिलीवरी करने वाले डिलीवरी बॉय, ऐसे कई कामगर लोग हैं, जो दो पैसे के लिए मौसम की सीधी मार झेलते हैं. ऐसा ही एक मामला इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है. यह मामला राजस्थान (Rajasthan) के भीलवाड़ा का है, जहां एक जोमैटो के डिलीवरी बॉय ने गर्मी के कहर से कोल्ड ड्रिंक गर्म न हो जाए, इससे पहले ही साइकिल चलाकर ही टाइम पर ड्रिंक को डिलीवर कर दिया, यह देखकर ड्रिंक ऑर्डर करने वाले का भी दिल पिघल गया. राजस्थान की चिलचिलाती धूप में साइकिल चलाकर फूड डिलीवर करने वाले यह डिलीवरी बॉय का नाम दुर्गा शंकर मीणा (Durga Shankar Meena) है, जिनकी कहानी इंटरनेट की दुनिया में हर किसी का दिल छू रही है.
यहां देखें तस्वीरें
ट्विटर यूजर आदित्य शर्मा (Aditya Sharma) ने जोमैटो के डिलीवरी बॉय (Zomato Boy) दुर्गा मीणा की सच्ची कहानी तस्वीर के साथ साझा की है. पहले ट्वीट में आदित्य लिखते हैं, 'आज मेरा ऑर्डर टाइम पर डिलीवर हुआ और हैरानी वाली बात ये है कि डिलीवरी बॉय साइकिल (Bicycle) पर आया था. शहर में तापमान 42 डिग्री है, लेकिन फिर भी ऑर्डर मुझे टाइम पर मिल गया.'
दरअसल, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के आदित्य शर्मा ने जोमैटो से एक ड्रिंक ऑर्डर की थी. गर्मी के कहर से कोल्ड ड्रिंक गर्म न हो जाए, इससे पहले ही साइकिल चलाकर ही डिलीवरी बॉय ने टाइम पर ड्रिंक को डिलीवर कर दिया. टाइम में अपना ऑर्डर पाने वाले आदित्य यह देखकर अचंभित हो गए और उन्होंने डिलीवरी बॉय के बारे में जानना चाहा. बातचीत में 31 वर्षीय डिलीवरी बॉय ने बताया कि उनका नाम दुर्गा शंकर है, जो एक प्राइवेट स्कूल में इंग्लिश टीचर हुआ करते थे, लेकिन कोरोना (Corona) के कारण उनकी नौकरी छूट गई. इसके बाद उन्होंने डिलीवरी बॉय की नौकरी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि वह पिछले चार महीने से यही काम कर रहे हैं.
बात यहीं खत्म नहीं हुई, उन्होंने बताया कि वह ग्रेजुएशन कर चुके हैं और आगे मास्टर डिग्री करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते, उन्हें जोमैटो के लिए काम करना पड़ रहा है. यूजर ने यहां तक बताया कि दुर्गा शंकर अंग्रेजी में बात कर रहे थे और उन्हें इंटरनेट के बारे में भी सब पता है. वह एक लैपटॉप और वाई-फाई लेना चाहते हैं, ताकि वह ऑनलाइन बच्चों को पढ़ा सकें, क्योंकि अब सबकुछ ऑनलाइन होता जा रहा है. दुर्गा शंकर ने आगे बताया कि साइकिल से बमुश्किल 10-12 डिलीवरी कर पाते हैं और सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिल पाती है. अगर मेरे पास बाइक होती, तो यह सब बहुत आसान हो जाता.
दुर्गा शंकर मीणा की आपबीती जानने के बाद आदित्य ने उनकी मदद करने के लिए क्राउडफंडिंग (Crowdfunding) का सहारा लिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों से अपील करते हुए आदित्य ने लिखा, 'दोस्तों, मैं 75 हजार रुपये का क्राउडफंडिंग जुटाना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि यह बहुत बड़ी रकम है, लेकिन अगर यह 75 हजार लोगों तक पहुंचे और प्रत्येक व्यक्ति एक रुपया दे, तो हम बाइक लेने की उनकी इच्छा पूरी कर सकते हैं.'
इसके बाद लोगों ने दुर्गा की मदद करने के लिए पैसे देने शुरू कर दिए. देखते-देखते महज चार घंटे के अंदर ही फंड जमा हो गया और साइकिल की जगह मोटरसाइकिल पाने की उनकी इच्छा भी पूरी हो गई. इस तरह, एक बार फिर से इंटरनेट पर वायरल हुई तस्वीर ने अच्छाई को बढ़ाने में सहयोग किया.
इस बीच आदित्य ने दुर्गा मीणा (Durga Shankar Meena) को उनकी पसंद की बाइक दिलवाने शोरूम गए और उनकी बाइक (Bike) खरीदने की इच्छा पूरी की.
एक यूजर ने लिखा, 'यह सोशल मीडिया की ताकत है.'
वहीं कुछ लोगों ने दुर्गा शंकर मीणा को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.
सोशल मीडिया आपको कभी भी कैसे भी चौंका सकता है और यह उसका एक उदाहरण है.
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