बच्चे (children) के साथ कुछ हो जाए को माता-पिता (parents) घबरा ही जाते हैं. एक मां ने हाल में सोशल मीडिया के जरिए बेटे के साथ हुई एक अजीबोगरीब घटना (harrowing experience) को शेयर किया. महिला ने बताया कि, उनका बेटा केमिकल बर्न का शिकार हो गया, जो नींबू के रस (leamon juice) और सीधी धूप के संपर्क में आने के बाद सामने आया. इस स्थिति (health issue) को मेडिकल भाषा में फाइटोफोटोडर्माटाइटिस (phytophotodermatitis) कहा जाता है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में मार्गरीटा बर्न (margarita burn) के नाम से जाना जाता है.
पीड़ित बच्चे की मां ने सीपीआर किड्स (Kids) पर अपनी कहानी शेयर की और दूसरे पेरेंट्स को आगाह किया. सीपीआर (CPR) किड्स की संस्थापक, नर्स सारा हन्स्टेड (Nurse Sarah Hunstead) ने साफ किया कि, ये बर्न एलर्जी के कारण नहीं होता है और किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं. उन्होंने आगे बताया कि, इनसे स्किन (skin pigmentation) पर दीर्घकालीन असर भी हो सकते हैं.
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अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में मां ने दुखद घटना को याद करते हुए कहा, वीकेंड में मेरे बेटे ने अपने छोटे से पूल में नींबू के साथ खेलते समय उसका बाहरी हिस्सा खा लिया, जिससे कैमिकल बर्न (मार्गरीटा बर्न या फाइटोफोटोडर्माटाइटिस) हो गया. उन्होंने आगे बताया कि, वह और उनके पति दोनों अपने बच्चे की चोटों की गंभीरता का पता चलने पर हैरान और बहुत चिंतित हुए. उनका बच्चा लोकल बर्न्स टीम की देखरेख में था और पिछले कुछ दिन उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे.
आधिकारिक सीपीआर किड्स इंस्टाग्राम अकाउंट (Instagram account) पर स्थिति के बारे में अधिक जानकारी देते हुए, सारा हन्स्टेड (Sarah Hunstead) ने लिखा कि, फाइटोफोटोडर्माटाइटिस (phytophotodermatitis) एक स्किन रिएक्शन (skin reaction) है, जो तब होता है जब रस में मौजूद फोटोसेंसिटाइज़िंग रसायन (photosensitizing chemicals) त्वचा के संपर्क में आते हैं, बाद में सूर्य के प्रकाश (sunlight) के संपर्क में आते हैं. मार्गरीटा बर्न अन्य सामान्य वस्तुओं जैसे आम, पार्सनिप, गाजर, सौंफ और अजमोद के कारण भी हो सकता है. आपको बता दें कि एनडीटीवी ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है.