एक माँ अपने बच्चे से प्यार करती है और ऐस उसकी रक्षा करती है जैसे दूसरा कोई नहीं कर सकता. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक गाँव की एक सामंती आदिवासी महिला (tribal woman) ने यह कहावत सच साबित कर दी, जिसने बहुत बहादुरी दिखाई और तेंदुए (leopard) के साथ बहादुरी से लड़ते हुए अपने बेटे को नरभक्षी के पंजे से छीन लिया. अपने बेटे को अचानक तेंदुए द्वारा ले जाने के बावजूद, महिला ने अपना होश नहीं खोया और उसने अपने बाकी बच्चों को अपनी झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया और उस दिशा में एक जंगल की ओर दौड़ पड़ी, जहां तेंदुआ उसके आठ साल के बेटे को ले गया था.
बच्चा घायल हो गया था और महिला भी घायल हो गई थी जब तेंदुए ने उस पर हमला किया था, लेकिन वह अपने बेटे के साथ जीवित वापस आने में कामयाब रही, जिसकी जानकारी वन विभाग के कर्मचारियों और राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सोशल मीडिया पर दी.
यह घटना रविवार रात मध्य प्रदेश के सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व के बफर जोन के बड़ी झरिया गांव में हुई, जो राज्य की राजधानी भोपाल से 500 से अधिक दूर स्थित है. बैगा जनजाति की महिला किरण अपने तीन बच्चों के साथ आग के पास बैठी थी ताकि उन्हें ठंड न लगे.
एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया, कि अचानक एक तेंदुआ वहां दिखाई दिया और पलभर में उसके बेटे राहुल को अपने जबड़े से पकड़ लिया और लेकर भाग गया. अचानक हुई घटना से महिला सदमे में थी, लेकिन उसने खुद को शांत रखा. टाइगर रिजर्व के निदेशक वाई पी सिंह ने कहा, कि उसने अपने दो अन्य बच्चों को झोपड़ी के बंद किया और तुरंत जंगल की ओर भागी जहां उसने देखा कि तेंदुआ उसके बेटे को ले जा रहा है.
उसने करीब एक किलोमीटर तक तेंदुए का पीछा किया, लेकिन तेंदुए ने झाड़ियों में छिपकर बच्चे को अपने पंजों से पकड़ लिया. किरण भी नहीं मानी. अधिकारी ने बताया, कि वह डंडे से तेंदुए को डराने की कोशिश करती रही और शोर मचाया.
अधिकारी ने कहा, "तेंदुआ शायद महिला के साहस से डर गया और बच्चे को छोड़ गया. किरण ने तुरंत अपने बेटे को गोद में लिया, लेकिन तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया. हालांकि, उसने अपनी वीरता से जानवर पर काबू पा लिया."
इस दौरान किरण की मदद की गुहार सुनकर बाकी गांववाले भी मौके पर पहुंच गए और तेंदुआ जंगल में गायब हो गया. अधिकारी ने कहा, कि लड़के की पीठ, गाल और आंखों पर चोटें आईं और हमले में उसकी मां भी घायल हो गई.
बफर जोन के रेंजर असीम भूरिया ने बाद में उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया और तत्काल 1 हजार रुपए की सहायता प्रदान की. अधिकारी ने कहा कि उनके इलाज का सारा खर्च वन विभाग वहन करेगा.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को एक ट्वीट कर महिला के इस साहसिक कार्य की तारीफ की है.