एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान में एक 64 वर्षीय महिला, जब अपने बाएं कान में "अजीब आवाजें" सुनने के बाद एक क्लिनिक में गई और हैरान रह गई जब डॉक्टरों ने उसके कान की नली में एक मकड़ी देखी. डॉक्टरों ने बताया, कि उसके कान की नली की गहराई में एक ज़िंदा मकड़ी है. महिला ने डॉक्टरों से बताया, कि लगातार अजीब अवाजें और कान में सरसराहट के कारण उसे चार दिनों से सोने में परेशानी हो रही है. उसे यह भी महसूस हुआ जैसे उसके कान के अंदर कुछ चल रहा है. वह एक कान, नाक और गले के क्लिनिक में गई, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और पाया कि एक मकड़ी अपने बाहरी कंकाल के साथ उसमें घुस गई थी. उन्होंने मकड़ी और उसके बाहरी कंकाल को बाहर निकालने के लिए एक ट्यूब का इस्तेमाल किया, जिसके बाद महिला को जो भी परेशानी हो रही थीस वो सभी लक्षण गायब हो गए. उसके कान के परदे को कोई नुकसान नहीं हुआ.
बाद में, ताइवान के ताइनान म्यूनिसिपल अस्पताल के डॉक्टरों ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में महिला के अनुभव का विवरण देते हुए एक केस रिपोर्ट प्रकाशित की. उन्होंने एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया और लिखा, ''उच्च रक्तचाप से पीड़ित एक महिला अपने कान में असामान्य आवाज़ों के 4 दिनों के संघर्ष के साथ क्लिनिक में आई. जांच करने पर, एक छोटी मकड़ी को बाएं कान की बाहरी श्रवण नहर के भीतर घूमते देखा गया. अंदर मकड़ी का पिघला हुआ बाह्यकंकाल भी मौजूद था.''
ताइनान म्यूनिसिपल अस्पताल में ओटोलरींगोलॉजी विभाग के सह-लेखक और निदेशक डॉ. तेंगचिन वांग ने एनबीसी न्यूज को बताया, "उसे दर्द महसूस नहीं हुआ क्योंकि मकड़ी बहुत छोटी थी."
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ओहियो विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान के एमेरिटस प्रोफेसर जेरी रोवनर ने बताया, कि महिला के कान में मकड़ी के बसने का संभावित कारण सुरक्षित आश्रय था. उन्होंने कहा, ''कई शिकार करने वाली मकड़ियाँ (यानी, जो शिकार पकड़ने वाले जाल में नहीं रहती हैं) पिघलने के उद्देश्य से एक आश्रय स्थान की तलाश करती हैं, क्योंकि वे उस प्रक्रिया के दौरान शिकारियों से अपना बचाव नहीं कर पाती हैं.'
इस साल अप्रैल में इसी तरह के एक मामले में, एक महिला ने टिनिटस (कान बजने की आवाज सुनना) और कान में दर्द की शिकायत की थी, जिसके अंदर मकड़ी पाई गई थी. मकड़ी का पता तब चला जब डॉक्टर ने महिला के कान की एंडोस्कोपी की. डॉक्टर ने कहा, कि सौभाग्य से मकड़ी जहरीली नहीं थी और महिला के कान की नलिका को मामूली क्षति पहुंची.