कौन हैं वो दो भारतवंशी, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने सर्वोच्च वैज्ञानिक पुरस्कार से किया सम्मानित

गाडगिल का मुंबई में हुआ था. इन्होनें विकासशील दुनिया की कुछ सबसे कठिन समस्याओं के लिए कम लागत वाले समाधान विकसित किए हैं, जिनमें सुरक्षित पेयजल तकनीक, ऊर्जा-कुशल स्टोव और कुशल विद्युत प्रकाश व्यवस्था को किफायती बनाने के तरीके शामिल हैं. 

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अमेरिका में दो भारतवंशियों को सम्मानित किया गया है. उन्हें ये स्मान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने उन्हें सम्मानित किया है. इन दो भातवंशियों का नाम अशोक गाडगिल और सुब्रा सुरेश हैं. इस अवसर पर व्हाइट हाउस ने कहा, "राष्ट्रपति ने कई अमेरिकियों को राष्ट्रीय विज्ञान पदक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और इनोवेशन मेडल से सम्मानित किया, जिन्होंने हमारे देश की भलाई को के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में अनुकरणीय उपलब्धियां हासिल की हैं."

मुंबई से ख़ास रिश्ता है गाडगिल का

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अशोक गाडगिल का जन्म मुंबई में हुआ था. मुंबई में गाडगिल ने कई विषयों पर काम किए. विकासशील देशों में हो रही समस्याओं के बारे में अध्ययन किया फिर इसपर काम किया.सबसे अहम बात ये है कि इन्होंने सुरक्षित पेयजल तकनीक, ऊर्जा-कुशल स्टोव और कुशल विद्युत प्रकाश व्यवस्था जैसे विषयों पर काम किया. गाडगिल ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर शोध किया. सबसे अहम बात ये है कि कम लागत से महत्वपूर्ण विषयों का निवारण किया जा सकता है.

कौन हैं सुब्रा सुरेश 

नेशनल साइंस फाउंडेशन के पूर्व प्रमुख सुब्रा सुरेश ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर हैं. इन्होंने विज्ञान के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर शोध किया हैै. ये एशियाई मूल के प्रोफेसर हैं, इन्हे अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया है.

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इन दोनों वैज्ञानिकों ने जीवन रक्षक प्रणाली पर काम किया है. साथ ही साथ खाद्य सुरक्षा पर बेहतरीन कार्य किया है. इसलिए इन्हें विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए अमेरिका का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है.

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