टैगोर ने लंदन में रहने के दौरान जिस घर में किया था ‘गीतांजलि’ का अनुवाद, होगी उसकी बिक्री

‘‘लंदन के एक शानदार इलाके में यह एक खास मकान है और हमें बिक्री प्रक्रिया को संभालने का सौभाग्य मिला है. इस इमारत के ऐतिहासिक महत्व को पहचाना गया और हेथ के सुंदर दृश्यों के कारण लोग इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं.’’

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नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1912 में ब्रिटेन की यात्रा के दौरान उत्तरी लंदन के हेम्प्सटेड हेथ के ‘हेथ विला' में कुछ वक्त गुजारा था और अब उस मकान की बिक्री होने वाली है. अपने प्रवास के दौरान टैगोर ने यहीं रहकर अपनी कविताओं के संग्रह ‘गीतांजलि' का अनुवाद किया था.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2015 में और फिर 2017 में ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग से कहा था कि वह बंगाल सरकार की ओर से इस मकान को संग्रहालय-सह-स्मारक में बदलने के लिए इसका अधिग्रहण करे.

संपत्तियों की खरीद-बिक्री के व्यवसाय से जुड़ी कंपनी ‘गोल्डस्मिट एंड हॉलैंड' के निदेशक फिलिप ग्रीन ने कहा, ‘‘हम बिक्री के व्यवसाय में हैं और हमारे दृष्टिकोण से हमारे ग्राहक को उनके मनमाफिक मूल्य मिलने और ब्रिटिश कानून के तहत सभी आवश्यकताओं को पूरा करने पर सभी प्रस्तावों का स्वागत है.''

उन्होंने कहा, ‘‘लंदन के एक शानदार इलाके में यह एक खास मकान है और हमें बिक्री प्रक्रिया को संभालने का सौभाग्य मिला है. इस इमारत के ऐतिहासिक महत्व को पहचाना गया और हेथ के सुंदर दृश्यों के कारण लोग इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं.''

इस मकान की बिक्री के लिए ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है. लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि उसे पश्चिम बंगाल सरकार के इस संपत्ति में दिलचस्पी दिखाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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