जीरो वेस्ट वेडिंग का वीडियो हो रहा वायरल, कप-प्लेट से लेकर सजावट और शादी की वरमाला तक सब कुछ है खास

एक दुल्हन ने जीरो-वेस्ट वेडिंग सेरेमनी को दिखाते हुए अपने इंस्टाग्राम वीडियो से ऑनलाइन दर्शकों का दिल जीत लिया है. वीडियो में उनकी शादी के जश्न की झलक दिखाई गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
जीरो वेस्ट वेडिंग का वीडियो वायरल

आजकल लोग ग्रैंड और लैविश वेडिंग प्लान करने के लिए इस बात का भी ध्यान नहीं रखते कि इससे पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है और कितने सामान वेस्ट हो रहे हैं. इस दौर में एक जीरो वेस्ट वेडिंग का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है और हर तरफ से तारीफ बटोर रहा है. एक दुल्हन ने जीरो-वेस्ट वेडिंग सेरेमनी को दिखाते हुए अपने इंस्टाग्राम वीडियो से ऑनलाइन दर्शकों का दिल जीत लिया है. वीडियो में उनकी शादी के जश्न की झलक दिखाई गई है, जिसमें हर छोटी-बड़ी बात को ध्यान में रखते हुए सजावट से लेकर खाने-पीने तक में कम से कम वेस्टेज हो इस बात का ध्यान रखा गया है.

डॉ. पूर्वी भट ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, "मुझे नहीं पता कि विशेषज्ञ इसे जीरो वेस्ट वेडिंग मानेंगे या नहीं, लेकिन हमने इस कार्यक्रम में कोई प्लास्टिक नहीं बनाया और वेस्टेज को कम से कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया. यह केवल हमारे परिवारों के सहयोग की वजह से ही संभव हो पाया कि जीरो वेस्ट वेडिंग का मेरा सपना पूरा हो सका. मेरी मां इस सब के पीछे की प्रतिभा थीं, उन्होंने पूरे कार्यक्रम की योजना बनाई और उसे व्यवस्थित किया और मेरे लिए यह बहुत संतुष्टिदायक था कि हमारा मिलन इस तरह हुआ."

जीरो वेस्टेज शादी में ये थी खास बातें

इस शादी में मेहमानों का स्वागत जूट के थैलों में गिफ्ट देकर किया गया, जो पारंपरिक रैपिंग का एक बायोडिग्रेडेबल विकल्प है. हाथ धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को रणनीतिक रूप से पेड़ों की ओर निर्देशित किया गया, जिससे इस्तेमाल किए गए पानी से आसपास की हरियाली को पोषण मिल सके.

Advertisement

देखें Video:

Advertisement

शादी का मुख्य आकर्षण 'मंडप' था, जिसे गन्ने के तने से बनाया गया था. शादी समारोह के बाद, गन्ने की संरचना को गायों के चारे के रूप में फिर से इस्तेमाल किया गया. इसके साथ ही शादी में डिस्पोजेबल कप और प्लेट्स की जगह पारंपरिक केले के पत्ते और मजबूत स्टील के गिलास ने ले ली. यहां तक ​​कि सजावट भी जीरो-वेस्ट मेथड पर आधारित थी, जिसमें आम और नारियल के पेड़ के तने, पत्ते और टहनियां आदि इस्तेमाल किए गए. शादी की मालाएं और सूती धागे से फूलों के साथ बनाई गई, इसमें प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया.

Advertisement

डॉ पूर्वी भट्ट की इस पहल ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा और जमकर तारीफें बटोरी हैं. एक यूजर ने लिखा, “भारतीय शादियों को सांस्कृतिक रूप से इसी तरह होना चाहिए.” दूसरे यूजर ने कमेंट किया, “ओह मैन, इसे सामान्य बनाओ.” तीसरे यूजर ने लिखा, “मैं अपनी शादियों को बिल्कुल इसी तरह से देखना चाहता हूं. आप एक आइकन हैं.”

Advertisement

ये Video भी देखें:

Featured Video Of The Day
Maharashtra Elections: CM पद और Vinod Tawde पर पैसा बांटने के आरोप पर खुलकर बोले Dhananjay Munde
Topics mentioned in this article