Varanasi couple celebrates son birthday: वाराणसी के एक दंपति ने अपने बेटे का छठा जन्मदिन एक अनोखे अंदाज में मनाया...श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर तक चलने वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में. इस विशेष अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनकी पहल से यह आधुनिक ट्रेन सेवा संभव हुई. वंदे भारत एक्सप्रेस, जो 6 जून 2025 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित की गई थी, जम्मू-कश्मीर के कटरा और श्रीनगर के बीच 189 किलोमीटर की दूरी को मात्र तीन घंटे में तय करती है.
वंदे भारत एक्सप्रेस में मना बेटे का बर्थडे (Katra-Srinagar Vande Bharat Express)
यह ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जैसे ऑन-बोर्ड वाई-फाई, इंफोटेनमेंट सिस्टम, और उन्नत हीटिंग सिस्टम, जो इसे विशेष बनाते हैं. दंपति ने ट्रेन में केक काटकर और अन्य यात्रियों के साथ खुशी साझा करके अपने बेटे का जन्मदिन मनाया. उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधाएं अब आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध हैं, जो पहले केवल एक सपना थीं.
पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया (PM Modi inaugurates Vande Bharat train)
उन्होंने कहा कि, कभी सोचा नहीं था कि देश के सबसे बड़े चिनाब रेल ब्रिज पर धूमधाम से बच्चे मोक्ष का जन्मदिन मनाने का मौका मिलेगा. जायसवाल परिवार ने इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वे एफिल टावर से भी ऊंचे इस भव्य पुल पर अपने बच्चे का जन्मदिन मना पाएंगे. मोक्ष ने कहा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है! मैं बहुत खुश हूं कि मेरा बर्थडे इतने ऊंचे ब्रिज पर मना. थैंक यू मोदी अंकल. मोक्ष की मां ने कहा, हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कोई मौका मिलेगा. यह सिर्फ एक ब्रिज नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के बचपन की सबसे खास याद बन गया है. मोदी जी का धन्यवाद. जानकारी के लिए
बच्चे का बर्थडे बना वायरल मोमेंट (Vande Bharat Express Jammu and Kashmir)
बता दें कि, यह पुल चिनाब नदी पर बना है और इसकी ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी ज्यादा है. यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी झेल सकता है. यह घटना न केवल व्यक्तिगत खुशी का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे भारत की आधुनिक रेल सेवाएं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी पहलें न केवल यात्रा को सुगम बनाती हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी बढ़ावा देती हैं.
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