करोल बाग मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीआईएसएफ के कांस्टेबल एम. मुंडा ने देखा कि एक्स-रे मशीन के आउटपुट रोलर पर एक लावारिस बैग पड़ा है. उसने राहगीरों से पूछा, लेकिन कोई बैग लेने के लिए आगे नहीं आया. तत्काल सुरक्षा की दृष्टि से लावारिस बैग की जांच की गई और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की गई. यह पता लगाने के बाद कि बैग के अंदर कोई खतरनाक वस्तु तो नहीं है, उसे खोला गया. बैग खोलने पर नगद रुपये मिले. इस बैग के अंदर 2,50,000/ और दो (02) बैंक पासबुक मिले. नकद और कीमती सामान के साथ बैग को स्टेशन नियंत्रक के पास जमा कर दिया गया था और इस संबंध में स्टेशन/निकटवर्ती स्टेशनों पर घोषणा की गई थी.
कुछ समय बाद, एक यात्री की पहचान अमित कुमार खुराना के रूप में हुई, जिसकी उम्र लगभग 38 वर्ष है, निवासी बिजनौर (यूपी), सुरक्षा जांच चौकी पर आया और बैग का दावा किया. उन्हें स्टेशन कंट्रोलर रूम लाया गया, जहां उन्होंने बताया कि एक्स-रे स्क्रीनिंग के लिए बैग रखने के बाद वह अपना बैग लेना भूल गए. उचित पहचान के बाद, बैग में नकद राशि 2,50,000/- और क़ीमती सामान अमित कुमार खुराना को दे दिया गया.
नकदी और कीमती सामान के साथ अपना बैग मिलने पर, उन्होंने सीआईएसएफ को धन्यवाद दिया और सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता और ईमानदारी की सराहना की.