हथिनी के लिए राज्य सरकारें आपस में भिड़ी, तामिलनाडु ने असम से कहा- हम जयमाला को नहीं देंगे

असम सरकार ने 4 सदस्यीय एक टीम गठित की है. इस टीम को तामिलनाडु भेजा गया, मगर वहां के अधिकारियों ने जयमाला से मिलने नहीं दिया. इस मामले पर तमिलनाडु के मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि असम से चार विशेषज्ञों की एक टीम पहुंची है.

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एक हाथी को लेकर दो राज्य सरकारें आपस में भिड़ गई हैं. असम से लाए गए हाथी को तामिलनाडु ने वापस करने से मना कर दिया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें देखा जा सकता था कि एक हथिनी की जमकर पीटाई की जा रही है. असम सरकार इसे अपने राज्य की हथिनी बता रही है. जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु के नागरकोइल जिले में एक व्यक्ति को हथिनी को प्रताड़ित करते हुए देखा जा सकता है. कहा जा रहा है कि वह एक महावत था. इस हथिनी का नाम जयमाला है. इस वीडियो को देकने के बाद पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और नेटिजन्स में काफी ज्यादा नाराजगी नाराजगी देखने को मिली है.

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जानकारी के मुताबिक, जयमाला नाम की हथिनी को कथित तौर पर असम से तमिलनाडु ले जाया गया था. असम सरकार के अनुसार, जयमाला को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है. 2008 में जयमाला को तामिलनाडु के एक मंदिर को 6 महीने के लिए पट्टे पर दिया गया था लेकिन कथित तौर पर मंदिर प्राधिकरण द्वारा जयमाला को बंदी बना लिया गया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे हथिनी के ऊपर जुल्म किया जा रहा है.

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असम सरकार ने 4 सदस्यीय एक टीम गठित की है. इस टीम को तामिलनाडु भेजा गया, मगर वहां के अधिकारियों ने जयमाला से मिलने नहीं दिया. इस मामले पर तमिलनाडु के मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि असम से चार विशेषज्ञों की एक टीम पहुंची है. रेड्डी ने बताया कि हम हाथी को वापस नहीं कर सकते हैं. वो बहुत ही पले यहां आया हुआ है. हम इस हाथी की देखभाल कर रहे हैं. वायरल वीडियो पर उन्होंने बताया कि वो एक पुराना वीडियो है.

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जयमाला के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को ध्यान में रखते हुए असम सरकार ने 4 सदस्यों की एक टीम गठित की. असम के मुख्यमंत्री ने टीम के साथ एक मीटिंग की और जयमाला को असम में वापस लाने पर जोर दिया. इस मामले पर असम के मुख्य वन संरक्षक एमके यादव ने कहा कि तामिलनाडु सरकार के कारण हम जयमाला को वापस नहीं ला सके. अब हम जयमाला को वापस लाने के लिए कानून का सहारा लेंगे.

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