पिता की कोरोना में हुई थी मौत, याद में बेटे ने सिलिकॉन का स्टैच्यू बना दिया

जब कोई अपना छोड़ कर जाता है तो ऐसा लगता है, मानों दुनिया ही ख़त्म हो गई हो. इंसान धीरे-धीरे रहना सीख जाता है. याद होगा कि कोरोना के कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं.

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जब कोई अपना छोड़ कर जाता है तो ऐसा लगता है, मानों दुनिया ही ख़त्म हो गई हो. इंसान धीरे-धीरे रहना सीख जाता है. याद होगा कि कोरोना के कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं. ऐसे में महाराष्ट्र के सांगली जिले एक इंस्पेक्टर भी कोरोना संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई थी. अपने पापा की याद में बेटे ने एक सिलिकॉन स्टैच्यू बनवा दिया ताकि पिता का प्रेम हमेशा मिलता रहे. ये स्टैच्यू पिता की याद में बनवाया गया है. इसे देखने के बाद आपको लगेगा ही नहीं कि ये कोई मूर्ति है. इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एक इंस्पेक्टर अपनी वर्दी में सोफे पर बैठा हुआ है. यह पिता और पुत्र के गहरे रिश्ते को दिखाता है. इस तस्वीर को देखने के बाद लोग बेहद भावुक हो रहे हैं.

स्टेच्यू बिल्कुल असली लग रहा है. ये इतना असली है कि इंसान को पता ही नहीं लग रहा है कि वाकई में कोई मूर्ति भी हो सकती है. ये मूर्ति बिल्कुल ज़िंदा इंसान की तरह है. इस मूर्ति को अरुण कोरे ने बनवाया है.उनका मानना है कि यह महाराष्ट्र का पहला सिलिकॉन स्टैच्यू है. इसे उन्होंने अपने पिता रावसाहेब कोरे की याद में बनवाया है.


रावसाहेब कोरे की मृत्यु कोरोना संक्रमण में हुई थी. वो देश के लिए ड्यूटी कर रहे थे. इस मूर्ति को बेंगलुरु के मूर्तिकार श्रीधर ने पांच महीने की कड़ी मेहनत के बाद बनाई है. जानकारी के मुताबिक, इस सिलिकॉन मूर्ति की लाइफ 30 साल तक होती है. इसे रोज़ कपड़े पहनाए जाते हैं. यह दिखने में बिल्कुल इंसान की तरह होती है.

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