साधना एप भारतीय संस्कृति के जरिए दुनिया को जोड़ रही है, प्रियंका आनंद ने कहा- प्रेम एवं शांति ज़रूरी है

साधना एप, डिजिटल दुनिया की एक ऐसी कड़ी है, जिसकी मदद से लोग सनातन संस्कृति के बारे में बहुत अच्छे से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. अभी हाल ही में वेदिक साधना फाउंडेशन की सीईओ प्रियंका आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंकडइन पर एक खुला पत्र लिखा है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins

साधना एप, डिजिटल दुनिया की एक ऐसी कड़ी है, जिसकी मदद से लोग सनातन संस्कृति के बारे में बहुत अच्छे से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. अभी हाल ही में वेदिक साधना फाउंडेशन की सीईओ प्रियंका आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंकडइन पर एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में प्रियंका ने लिखा है कि साधना एप की मदद से वो भारत की महान परंपरा के बारे में लोगों को बताएंगी. साधना एप एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां आप डिजिटल तरीके से देश के सभी प्रसिद्ध ग्रंथों के बारे में आसानी से जान पाएंगे. इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए आप पूजन विधि को भी समझ पाएंगे. इस प्लेटफॉर्म की सबसे अच्छी खासियत है कि वर्चुअली आप देश के सभी प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर पाएंगे.

प्रियंका आनंद साधना एप की सीईओ हैं, इसके ज़रिए वो भारत की समृद्ध संस्कृति, ज्ञान और वेद को तकनीक के माध्यम से लोगों जड़ों से जोड़ रही हैं. इस एप की मदद से वैदिक तरीकों से आप पूजा अर्चना भी कर सकते हैं.

साधना एप ओम् स्वामी की सोच है. ये एक महान साधू, एन्टप्रोयनोर और लेखक हैं. इस एप की मदद से पूरी दुनिया को डिजिटल तरीके से सनातन की संस्कृति को आपस में जोड़ रहे हैं. सनातन धर्म की खासियत को, पूजन विधि को आपस में जोड़ने के लिए साधना एप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

Advertisement

पूरा पत्र पढ़ें

मैं आशा और उम्मीद करती हूं कि आप सभी को साधना के महत्व, शक्ति और सुंदरता के बारे में जानकारी मिली हो. देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए हमें साथ होना होगा. हमें आपस में जुड़े रहने के लिए एकता के सूत्र में बंधना पड़ेगा. इस भारतवर्ष की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए हमें आपस में जुड़कर एक दूसरे की भावनाओं को सम्मान देना होगा.

Advertisement

दुर्भाग्यपूर्ण, हम किसी ख़ास मक़सद के कारण हिन्दू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाते हैं. हालांकि, हमारा संविधान हमें यह अधिकार देता है कि हम किसी भी धर्म को अपना सकते हैं. उनके तरीकों से जुड़ सकते हैं. मानवाधिकार की बात करें तो धार्मिक स्वतंत्रता सभी का अधिकार है. ऐसे में हम किसी भी धर्म का अपमान क्यों करते हैं? इससे हम क्या साबित करना चाहते हैं?

Advertisement

भारतवर्ष की ख़ासियत रही है कि हम वसुधैव कुटुंबकम् को मानने वाले लोग हैं. इसका मतलब है कि पूरा विश्व एक परिवार है. हमें साथ में रहने की ज़रूरत है. बिना डरे, सहमे हम आपस में विश्वास और भरोसा रख सकते हैं.

Advertisement

हमें किसी पर दोष देना नहीं चाहिए. हमें तोड़ने वाले लोग कोई बाहरी या विदेशी नहीं है. अगर हम आपस में मिलकर नहीं रहें तो हम टूट कर बिखर जाएंगे. जैसे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या हज़ार साल में उत्पन्न हुई है, वैसे ही वेदिक ज्ञान के लिए हमें अभी से सत्रक रहने की ज़रूरत है. धीरे-धीरे हम अपनी विरासत को खोते जा रहे हैं. हमें अभी से सतर्क रहने की ज़रूरत है, नहीं तो हम देर हो जाएंगे.

हमें अपने अंदर की ख़ूबसूरती को प्रकाश में लाना है ताकि खुशियां और शांति बरकरार रहे. हमें सनातन धर्म की ख़ूबियों को दुनिया के सामने लाना है.

कहा जाता है कि ज़िम्मेदारी के साथ ही महान शक्ति उत्पन्न होता है. धार्मिक सौहार्द्रता को जोड़ने के लिए हमें एक होना पड़ेगा. इस देश को फिर से सुंदर बनाने के लिए सनातन शक्ति पर भरोसा करना पड़ेगा.

शांति के लिए प्रार्थना

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः ।
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु ।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने।
हे भगवन हमें ऐसा वर दो!

Featured Video Of The Day
Top National News: Lalu Yadav On PM Modi's Bihar Visit | Telangana Accident | Delhi Assembly Session