कबूतर फ़ोटो खींचता है, चूहा नौकरी करता है, जासूसी की दुनिया के बेताज बादशाह हैं ये जीव

हम इंसानों को लगता है कि हमलोग ही इस दुनिया के सबसे बुद्धिमान जीव हैं, अगर आप ये सोच रखते हैं तो आप पूरी तरह से ग़लत हैं. बचपन में हम पंचतंत्र की कहानियां तो ज़रूर पढ़ी होंगी. इन कहानियों में जीव-जंतु को भी बेहद बुद्धिमान दिखाया गया है.

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जासूसी दुनिया के बेताज बादशाह हैं ये जीव.

हम इंसानों (Humans) को लगता है कि हमलोग ही इस दुनिया के सबसे बुद्धिमान जीव (Intelligent Animal) हैं, अगर आप ये सोच रखते हैं तो आप पूरी तरह से ग़लत हैं. बचपन में हम पंचतंत्र (Panchtantra) की कहानियां तो ज़रूर पढ़ी होंगी. इन कहानियों में जीव-जंतु (Animals) को भी बेहद बुद्धिमान दिखाया गया है. आइए आज हम आपको कुछ ऐसे जीवों के बारे में बताते हैं जो बेहद चालाक और जासूस हैं. ऐसे जीव हमारे लिए काफी उपयोगी रहे हैं. युद्ध के समय तो इन जीवों ने इंसानों की इतनी मदद की है, जिसकी कल्पना हम नहीं कर सकते हैं.

संदेश भेजने के लिए कबूतर का इस्तेमाल 

कबूतर शांति का प्रतीक है. पुराने जमाने में, जब कंप्यूटर और मोबाइल नहीं होते थे तो कबूतर ही हमारे संदेशों को ले जाते थे. प्राचीन काल से ही कबूतरों को संदेशवाहक समझा जाता था. युद्ध के समय जासूस कबूतरों का इस्तेमाल ख़ुफिया संदेश भेजने के लिए करते थे.

फ़ोटोग्राफ़र कबूतर

 दूसरे विश्व युद्ध के समय कबूतरों के लिए एक विशेष तरह का कैमरा तैयार किया गया. 1907 में इनके गले में एक छोटा कैमरा बांध दिया जाता था ताकि जासूसी करते समय इसका इस्तेमाल किया जा सके. ऐसे कैमरे का कभी इस्तेमाल किया गया है या नहीं, इसका सबूत नहीं है.

कुत्ते इंसान के सबसे बेस्ट फ्रेंड होते हैं

इंसानों के सबसे करीब कोई जानवर होता है तो वो कुत्ता है. कुत्ते की ख़ासियत होती है कि वो वफादार और समझदार होते हैं. इंसान अपनी सुरक्षा के लिए कुत्तों को अपने साथ रखते हैं. कुत्ते आज बारूदी सुरंग और बम की सुगंध को आसानी से पकड़ लेते हैं. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज़ आपको देखने को मिल जाएंगे, जिसमें कुत्ते इंसानों की मदद करते हुए नज़र आते हैं.

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बम गिराने वाले चमगादड़

1940 में अमेरिका ने एक अनोखा प्रयोग शुरू किया था. इस प्रयोग में वो चमगादड़ों पर बम बांध देता था और उसकी मदद से विस्फोट करवाता था. यह बिल्कुल ड्रोन की तरह काम करता था. उस समय ये प्रयोग काफी अलग था. इस प्रयोग के बारे में कभी भी लोगों ने नहीं सुना था.

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जासूस बिल्ली

जानवरों की बात हो रही है तो बिल्ली मासी को कैसे भूल सकता है कोई. दरअसल, 1960 में CIA ने बिल्लियों के ज़रिए सोवियत दूतावासों में जासूसी करने की योजना शुरू की. ये प्रयोग बिल्कुल अनोखा और अलग था. इस तरह की जासूसी में कोई रिस्क भी नहीं था. सीआईए बिल्लियों में ऑपरेशन कर के माइक्रोफोन, बैटरी, एंटीना कर लगा देता था. 

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नौकरी वाले चूहे

बात जब बिल्ली मौसी की हो रही है तो चुहे की भी होनी चाहिए. जासूसी के मामले में चुहे भी किसी से कम नहीं हैं. चूहे चटोरे होते हैं, थोड़े नटखट होते हैं, मगर जासूसी के मामले में आगे होते हैं. तंजानिया में 'अपोपो' नाम का एक गैर सरकारी संगठन चूहों को बारुदी सुरंग सूंघने की ट्रेनिंग दे रहा है. इन चूहों का काम बारूदी सुरंगों को सूंघने का है.

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जासूस डॉल्फिन

डॉल्फिन ऐसा जीव है जो इंसानों के बेहद करीब है. अपनी कलाबाज़ी से डॉल्फिन हमारा मन मोह लेती है. लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि सी लायन और डॉल्फिन अमेरिकी सेना में 1960 से काम कर रहे हैं. वे दुश्मन गोताखोरों का पता लगाते थे, इसके अलावा इनका काम जहाज़ के यात्रियों को सुरक्षित तट तक पहुंचाने का था. 

सभी जीवों की अपनी एक अलग ख़ासियत होती है. इन जीवों को ही देख लीजिए, कैसे वे इंसानों की मदद कर रहे हैं. ये सभी जानकारी dw.com से ली गई है.

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