यूपीआई (UPI) जैसी डिजिटल भुगतान विधियों (Digital Payment Methods) ने भारत में लेनदेन को बदल दिया है, जिससे लोगों के लिए स्मार्टफोन के माध्यम से पैसे भेजना और प्राप्त करना आसान हो गया है. हालांकि, चेन्नई निवासी से जुड़ी एक हालिया घटना इस तथ्य पर प्रकाश डालती है कि हर कोई ऑनलाइन भुगतान पर भरोसा नहीं करता या स्वीकार नहीं करता, जिससे कुछ यूजर्स को असुविधाएं होती हैं.
सुवेथा गुनासेकरन नाम की एक महिला ने एक ऐप के जरिए ऑटो राइड बुक की और खुद को मुश्किल स्थिति में पाया. उसे पता चला कि ऑटो चालक (Auto Driver) ने यूपीआई भुगतान स्वीकार नहीं किया, जो उसकी धारणा के विपरीत था कि ऑनलाइन कैब बुकिंग के लिए कैशलेस भुगतान एक विकल्प था. ड्राइवर ने अपनी विंडशील्ड पर एक सख्त नोटिस चिपका दिया था, जिसमें लिखा था, "GPay उपलब्ध नहीं है. एटीएम से पैसे निकालने के लिए ऑटो नहीं रोका जाएगा."
इस अनुभव के जवाब में, उसने एक एक्स पोस्ट के माध्यम से अपनी कहानी साझा की, और कैप्शन में अपना अविश्वास व्यक्त किया, "आप सभी को जानकर अच्छा लगा." पोस्ट को 234k से अधिक बार देखा गया और ढेर सारी प्रतिक्रियाएं मिलीं. एक एक्स यूजर ने यह भी बताया कि उसने उसी ऑटो ड्राइवर के साथ यात्रा की थी और उसके साथ काफी अभद्र व्यवहार किया गया था.
पूरे भारत में डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, बड़ी संख्या में ऐसे विक्रेता और ऑटो चालक हैं जो इस सुविधा पर पूरी तरह भरोसा नहीं करते हैं. नतीजतन, इस तरह की घटनाएं घटती रहती हैं, जिससे उन लोगों के लिए असुविधाएं पैदा होती हैं जो कैशलेस लेनदेन पर भरोसा करते हैं. इस मामले पर आपकी क्या राय है? कमेंट करके बताइए.
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