अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) अक्सर हमारे सौर मंडल के भीतर गैलेक्सीज, सितारों और ग्रहों से संबंधित लेटेस्ट अपडेट के साथ इंटरनेट को खुश कर देते हैं. यह अपने कई अंतरिक्ष यानों द्वारा खींची गई खूबसूरत तस्वीरों को भी शेयर करता है. अब, अपने सबसे हालिया यूट्यूब पोस्ट में, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने वर्ष 2023 के दौरान क्लास में किए गए विज्ञान परीक्षणों के आश्चर्यजनक निष्कर्ष जारी किए. खिलते फूलों से भरे खूबसूरत बगीचों से लेकर नाचती लपटों तक, अंतरिक्ष एजेंसी ने एक वीडियो शेयर किया जो इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर किए गए प्रयोगों को दिखाता है.
नासा के लिंडन बी. जॉनसन स्पेस सेंटर आधिकारिक यूट्यूब चैनल ने मंगलवार को क्लिप जारी की. यह वीडियो भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों के लिए अहम प्रयोगों की एक झलक दिखाता है. नासा ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की संगीतमय यात्रा करें, जहां अद्भुत विज्ञान इंतजार कर रहा है."
नासा ने आगे लिखा, ‘अंतरिक्ष यात्री वुडी होबर्ग आपको अंतरिक्ष में किए गए वास्तविक विज्ञान प्रयोगों के घूमने वाले, रंगीन और मंत्रमुग्ध कर देने वाले संग्रह से परिचित कराते हैं. शास्त्रीय संगीत के लिए तैयार! पौधों के विकास के प्रयोग! अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच आपको यह जानने में मदद करती हैं कि नासा का बगीचा अंतरिक्ष में कैसे विकसित होता है.'
कैप्शन में नासा ने लिखा ‘दहन विज्ञान! 'अग्नि का विज्ञान।' अंतरिक्ष यात्री मार्क वंदे हेई ने पता लगाया कि नासा अंतरिक्ष में उछलती और नाचती लपटों का अध्ययन कैसे करती है. द्रव प्रयोग! अंतरिक्ष यात्री मेगन मैकआर्थर आपको तरल पदार्थों की आकार बदलने वाली दुनिया और अंतरिक्ष स्टेशन पर उनके व्यवहार के आकर्षक तरीकों से परिचित कराते हैं.'
एक दिन पहले ही शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 7,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है और सैकड़ों लाइक्स मिल चुके हैं. कमेंट सेक्शन में, जहां कुछ यूजर्स ने वीडियो को अविश्वसनीय कहा, वहीं अन्य ने इसे अद्भुत बताया. एक यूजर ने लिखा, वाह, यह वाकई अद्भुत है. दूसरे ने लिखा, आप अद्भुत हैं, नासा, हम आपसे प्यार करते हैं. चिली से नमस्कार!!. एक तीसरे यूजर ने व्यक्त लिखा, "वह पानी सम्मोहित कर देने वाला है."
भारत के लिए अहम रहा ये साल
गौरतलब है कि साल 2023 अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए बेहद रोमांचक रहा है. इस वर्ष लॉन्च हुए कई मिशनों ने हमारी खगोलीय समझ को बढ़ाया है और ब्रह्मांड तक हमारी पहुंच को आगे बढ़ाया है. विशेष रूप से, भारत के लिए, यह साल काफी खास रहा क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा.