बेटी को टॉपर बनाने के लिए मां ने चुराए एग्ज़ाम पेपर, मच गया बवाल

Mother steals exam Paper: इन दिनों एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां एक मां ने बेटी को क्लास में टॉपर बनाने के लिए टीचर के साथ मिलकर स्कूल से परीक्षा के पेपर चुरा लिए.

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पढ़ाई का प्रेशर या अपराध की हद? मां-टीचर ने स्कूल में घुसकर चुराए पेपर, बच्ची स्कूल से निकाली गई

Mother Steals Exam Question Papers With Teacher: साउथ कोरिया से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अपनी बेटी को क्लास में टॉपर बनाने के लिए टीचर के साथ मिलकर स्कूल से परीक्षा के पेपर चुरा लिए. इस गंभीर वारदात ने सिर्फ एक छात्रा का भविष्य नहीं छीना, बल्कि यह दिखा दिया कि बच्चों पर डाले गए अत्यधिक दबाव कैसे माता-पिता को भी अपराध (exam paper theft korea) की राह पर ले जाते हैं.

मां और टीचर ने चुराए पेपर (mother steals exam paper for daughter)

घटना एंडोंग शहर की है, जो सियोल से लगभग 270 किमी दूर स्थित है. रात करीब 1 बजे 48 वर्षीय मां और 31 वर्षीय ट्यूटर स्कूल में चोरी-छुपे घुसीं और परीक्षा के प्रश्न पत्र चुराने की कोशिश की, लेकिन उसी समय स्कूल का अलार्म बज गया और पुलिस ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया. जांच में सामने आया कि ट्यूटर पहले इसी स्कूल में पढ़ाती थी और अब छात्रा की निजी ट्यूटर थी. दोनों ने पूछताछ में अपना जुर्म भी कबूल कर लिया.

टॉपर बनने के लिए चोरी (mother and tutor caught stealing papers)

यह भी शक जताया जा रहा है कि यह कोई पहली बार की घटना नहीं है. पुलिस को संदेह है कि पहले भी दोनों ने मिलकर कई बार पेपर चुराए होंगे और शायद इसके बदले पैसों का लेन-देन भी हुआ हो. इस मामले में स्कूल के एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने अंदर घुसने में मदद की थी.

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छात्रा को स्कूल से किया गया रेस्टिकेट (maa ne bachi ke liye churaye exam papers)

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, छात्रा ने 2023 में स्कूल में दाखिला लिया था और तभी से क्लास में टॉप कर रही थी, लेकिन अब स्कूल प्रशासन ने उसे स्कूल से निकाल दिया है और उसके सभी नंबर रद्द कर दिए गए हैं. संभावना है कि पहले के नंबर भी चोरी की वजह से ही आए होंगे. साउथ कोरिया में शिक्षा को लेकर बेहद सख्ती और प्रतिस्पर्धा है. यहां तक कि कॉलेज की परीक्षा के दिन हवाई जहाज तक रोक दिए जाते हैं, ताकि छात्रों को शांत माहौल मिल सके, लेकिन यह घटना इस बात की मिसाल है कि अगर यह दबाव संतुलन से बाहर हो जाए, तो माता-पिता भी नैतिकता भूल जाते हैं.

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