सोशल मीडिया पर कई बार हमें कुछ ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जिन्हें देखने के बाद हम सोच में पड़ जाते हैं, कि क्या ऐसा भी हो सकता है ? ऐसा ही एक पोस्ट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोगों में बहस छिड़ गई है. दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कॉलेज की किताब का एक पेज खूब वायरल हो रहा है, जिसमें "दहेज के फायदे" (merits of dowry) बताए गए हैं. यह तस्वीर ट्विटर पर अपर्णा नाम की एक यूजर द्वारा पोस्ट की गई है, जो कि नर्सों के लिए समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक से है. पोस्ट को रविवार को शेयर किया गया था, जिसे देखने के बाद लोग भड़क उठे और कमेंट्स में अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे.
पाठ्यपुस्तक टीके इंद्राणी द्वारा लिखी गई है और भारतीय नर्सिंग परिषद के पाठ्यक्रम के अनुसार छात्रों के लिए है. इसका एक पृष्ठ "दहेज के फायदे और नुकसान" को सूचीबद्ध करता है. पहला बिंदु कहता है कि "दहेज नए घरों को फर्नीचर, रेफ्रिजरेटर और वाहनों जैसे उपकरणों के साथ स्थापित करने में सहायक है." यह भी कहता है कि व्यवस्था का एक अप्रत्यक्ष लाभ यह है कि माता-पिता ने कम दहेज देने के लिए अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है.
अंत में, इसमें उल्लेख किया गया है कि बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की शादी आकर्षक दहेज से की जा सकती है. पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है, "भारत में कॉलेज की पाठ्यपुस्तक." ऑनलाइन शेयर किए जाने के बाद से पोस्ट ट्विटर पर वायरल हो गया, लोग ने कमेंट्स में इसकी खूब आलोचना की.
एक यूजर ने लिखा, "यह एक कॉलेज की पाठ्यपुस्तक से है. वास्तव में चौंकाने वाला.” दूसरे यूजर ने कमेंट किया, “यह अपमानजनक है. दहेज के फायदों का प्रचार करने वाली नर्सों के लिए समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक! इसे प्रचलन से हटाने की जरूरत है."
दरअसल, शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Shiv Sena leader and Rajya Sabha MP Priyanka Chaturvedi) ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी किताबों को प्रचलन से हटाने का अनुरोध किया है. उन्होंने लिखा, “मैं श्री @dpradhanbjp जी से ऐसी पुस्तकों को प्रचलन से हटाने का अनुरोध करती हूँ. दहेज के फायदों को विस्तार से बताने वाली पाठ्यपुस्तक वास्तव में हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद हो सकती है, यह देश और उसके संविधान के लिए शर्म की बात है. ”