बच्चों ने खाई गुलेल छोड़ने की कसम, 68 गांवों के बच्चे अबतक 590 गुलेल कर चुके हैं सरेंडर, जानिए क्या है वजह ?

गुलेल छोड़ने के लिए बच्चों से बात कर उन्हें प्रेरित करें. उन्हें बताएं कि गुलेल कितना खतरनाक है. उन्हें प्यार से समझाकर उनसे ये वादा लें कि वो गुलेल छोड़ देंगे.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
बच्चों ने खाई गुलेल छोड़ने की कसम, 68 गांवों के बच्चे अबतक 590 गुलेल कर चुके हैं सरेंडर

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें ढेर सारी गुलेल नजर आ रही हैं. इस फोटो को आईएफएस अधिकारी आनंद रेड्डी ने ट्विटर पर शेयर किया है. वही, गुलेल (Slingslot) जो बच्चे खेलते हैं और जिससे वो पेड़ से आम तोड़ते और बेर या जामुन तोड़ते हैं.

देखें Photo:

इस फोटो को शेयर करते हुए आनंद रेड्डी ने लिखा है, 'यहाँ एक दुविधा है.. आप एक प्यारा पक्षी देखते हैं. और आप एक प्यारा बच्चा देखते हैं. फिर आप बच्चे को इस गुलेल से पक्षी को मारते हुए देखें. क्या आप बच्चे को सजा देंगे? नासिक के कई गांवों में यह बहुत आम बात है. इसकी वजह से इन खाली जंगलों में कोई पक्षी नहीं, कोई चहकना नहीं, कोई गाना नहीं. केवल सन्नाटा है.'

आनंद रेड्डी ने जो ट्विटर थ्रेड शेयर किया उसमें आगे और भी तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. जिसमें बच्चों ने आगे की ओर गुलेल रखा है और हाथ फैलकर शपथ ले रहे हैं. बच्चों ने बैनर भी लिए हुए हैं, जिसपर लिखा है ‘गलोर हटवा पक्षी वाचवा' जिसका मतलब है, गुलेल हटाओ पक्षी बचाओ.

Advertisement

उन्होंने अपने ट्वीट में ये भी लिखा है कि गुलेल छोड़ने के लिए बच्चों से बात कर उन्हें प्रेरित करें. उन्हें बताएं कि गुलेल कितना खतरनाक है. उन्हें प्यार से समझाकर उनसे ये वादा लें कि वो गुलेल छोड़ देंगे. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि बच्चे गुलेल को लेकर प्रचार कर रहे हैं और बोल रहे हैं कि गुलेल हटाओ पक्षी बचाओ.

Advertisement

बता दें कि अबतक 68 गावों के बच्चों ने 590 गुलेल सरेंडर कर दिए हैं. बच्चों ने ये शपथ ली है कि अब वो गुलेल नहीं रखेंगे. न वो इससे पक्षियों को मारेंगे बल्कि लोगों को भी गुलेल न चलाने के लिए प्रेरित करेंगे. अब लोग बच्चों के इस कदम की सराहना कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपने रिएक्शन दे रहे हैं.

Advertisement

Featured Video Of The Day
India Pakistan Tension Updates: क्या चोरी और सीनाजोरी पाकिस्तान की फितरत है? | Muqabla
Topics mentioned in this article