रेलवे ने इस तरह मनाई मुंबई से ठाणे तक की पहली ट्रेन यात्रा की 171वीं एनिवर्सरी, तस्वीर में दिखा इतिहास

इसे साहिब, सुल्तान और सिंध नाम के तीन इंजनों द्वारा संचालित किया जाता था और इसमें तेरह गाड़ियां थीं. तब से, इस दिन को भारतीय रेल परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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रेलवे का सुनहरा इतिहास दिखाती तस्वीर

भारतीय रेलवे (Indian Railways), जिसे हमारे देश की परिवहन जीवन रेखा भी कहा जाता है, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. उपनगरों से लेकर शहरों तक, भारतीय रेल नेटवर्क देश की लंबाई और चौड़ाई को कवर करता है. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने 16 अप्रैल, 1853 को बोरी बंदर से ठाणे तक 34 किमी की दूरी तय करने वाली पहली यात्री ट्रेन शुरू की थी. इसे साहिब, सुल्तान और सिंध नाम के तीन इंजनों द्वारा संचालित किया जाता था और इसमें तेरह गाड़ियां थीं. तब से, इस दिन को भारतीय रेल परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारतीय रेलवे के अनुसार, औपचारिक उद्घाटन समारोह 16 अप्रैल, 1853 को किया गया था, जब लगभग 400 मेहमानों को लेकर 14 रेलगाड़ियां दोपहर 3.30 बजे विशाल भीड़ की जोरदार तालियों और 21 तोपों की सलामी के बीच बोरी बंदर से रवाना हुईं.

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ऐसी थी पहली ट्रेन

सेंट्रल रेलवे ने एक पुरानी तस्वीर के साथ इस अवसर का जश्न मनाते हुए एक्स को लिखा, ''1853 में, आज से ठीक 171 साल पहले, भारत ने बोरी बंदर से ठाणे तक पहली ट्रेन की उद्घाटन यात्रा के साथ परिवहन इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर चिन्हित किया था. इस अहम क्षण ने कनेक्टिविटी के एक नए युग की शुरुआत की जिसने देश के भविष्य को आकार दिया.''

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तस्वीर में भारत में रेलवे के शुरुआती दिनों का एक दृश्य दिखाया गया है, जिसमें एक ट्रेन को एक ही लोकोमोटिव द्वारा खींचा जा रहा है.

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तब से,सबसे बड़ा सार्वजनिक ट्रांसपोर्टर, जो दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, प्रतिदिन सभी ट्रेनों में 2.3 करोड़ से अधिक रेल यात्रियों को ले जाकर देश की सेवा कर रहा है.

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