क्या सूर्य का एक बड़ा हिस्सा टूट गया है ? सच्चाई जान वैज्ञानिक हैरान, पृथ्वी पर क्या होगा इसका प्रभाव ?

वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इस विशाल महत्व का पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

Advertisement
Read Time: 23 mins

सूर्य (Sun) ने हमेशा खगोलविदों (astronomers) को मोहित किया है. और अब, एक नए विकास ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. सूर्य का एक बड़ा हिस्सा अपनी सतह से टूट गया है और अपने उत्तरी ध्रुव के चारों ओर बवंडर जैसा भंवर बना लिया है. हालांकि वैज्ञानिक यह विश्लेषण करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कैसे हुआ, इस घटनाक्रम के वीडियो ने अंतरिक्ष समुदाय को हैरान कर दिया है. उल्लेखनीय घटना नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा पकड़ी गई थी और पिछले सप्ताह अंतरिक्ष मौसम भविष्यवक्ता डॉ तमिता स्कोव द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई थी. सूर्य, सौर ज्वाला का उत्सर्जन करता रहता है जो कभी-कभी पृथ्वी पर संचार को प्रभावित करता है, इसलिए वैज्ञानिक नवीनतम विकास के बारे में अधिक चिंतित हैं.

डॉ. स्कोव ने पिछले हफ्ते एक ट्वीट में कहा था, "ध्रुवीय भंवर के बारे में बात करें! उत्तरी प्रमुखता से सामग्री अभी मुख्य फिलामेंट से अलग हो गई है और अब हमारे तारे के उत्तरी ध्रुव के चारों ओर एक विशाल ध्रुवीय भंवर में घूम रही है. यहां 55 डिग्री से ऊपर सूर्य के वायुमंडलीय गतिकी को समझने के लिए निहितार्थों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जा सकता है!" 

देखें Video:

Advertisement

नासा (NASA) के अनुसार, प्रमुखता सूर्य की सतह से बाहर की ओर फैली एक बड़ी चमकीली विशेषता है. अतीत में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं लेकिन इसने वैज्ञानिक समुदाय को चौंका दिया है.

Advertisement

डॉ स्कोव ने बाद के एक ट्वीट में कहा, "#SolarPolarVortex की अधिक टिप्पणियों से पता चलता है कि सामग्री को लगभग 60 डिग्री अक्षांश पर ध्रुव को परिचालित करने में लगभग 8 घंटे लगे. इसका मतलब है कि इस घटना में क्षैतिज हवा की गति के अनुमान में एक ऊपरी सीमा 96 किलोमीटर प्रति सेकंड या 60 मील प्रति सेकंड है. !" 

Advertisement

यूएस नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के सौर भौतिक विज्ञानी स्कॉट मैकिन्टोश, जो दशकों से सूर्य का अवलोकन कर रहे हैं, उन्होंने स्पेस डॉट कॉम को बताया कि उन्होंने कभी ऐसा "भंवर" नहीं देखा था, जो तब हुआ जब सौर वातावरण प्रमुखता का एक टुकड़ा टूट गया था.

Advertisement

अंतरिक्ष वैज्ञानिक अब इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने और एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने के लिए अजीबोगरीब घटना का विश्लेषण कर रहे हैं. हालांकि हमारे पसंदीदा सितारे पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है, लेकिन यह इस महीने कई शक्तिशाली फ्लेयर्स की तरह हैरान करता रहता है, जिसने पृथ्वी पर संचार को बाधित कर दिया.

Featured Video Of The Day
Himachal Pradesh में Masjid में अवैध निर्माण का सच जानिए NDTV की स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट में