क्लाइमेट चेंज की वजह से 'गेटवे टू हेल' (Gateway to Hell) के तौर पर जाना जाने वाला साइबेरिया का एक बड़ा गड्ढा (Giant hole in Siberia) लगातार बड़ा होता जा रहा है. बटागाइका क्रेटर (Batagaika Crater) बहुत तेजी से बड़ा होता जा रहा है. साइंटिस्ट का कहना है कि महज 30 साल के अंतराल में यह तीन गुना ज्यादा बड़ा हो चुका है. बिजनेस इंसाइडर के मुताबिक, 200 फीट चौड़ा और 300 फीट गहरा बटागाइका क्रेटर बर्फीले याना हाइलैंड (Yana Highlands) में स्थित है. इसका आकार घोड़े की नाल, केकड़ा, स्टिंगरे या टैडपोल जैसा लगता है. दरअसल यह एक पर्माफ्रॉस्ट है जो बहुत तेज गति से पिघलता जा रहा है. जलवायु परिवर्तन (Climate change) इसके पिघलने का सबसे बड़ा कारण है जिससे स्थानीय क्षेत्रों के अलावा पूरी पृथ्वी को खतरा है.
पूरी पृथ्वी को खतरा
साइबेरिया के बटागाइका क्रेटर पिघलने की वजह से आसपास की जमीन इसमें समाती जा रही है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो आसपास का पूरा क्षेत्र इसकी चपेट में आ जाएगा. स्थानी गांवों को फिलहाल सबसे ज्यादा खतरा है. बड़े परिदृश्य में देखा जाए तो बटागाइका क्रेटर का पिघलना सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए खतरा नहीं है बल्कि पूरे ग्रह के लिए खतरनाक है. दरअसल, पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने पर ऑर्गेनिक कार्बन रिलीज होता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग और ज्यादा बढ़ जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, हर साल पर्माफ्रॉस्ट में लॉक 4 से 5 हजार टन ऑर्गेनिक कार्बन रिलीज होता है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ने वाला है.
स्थानीय इकोसिस्टम में बदलाव
याकुत्स्क के मेलनिकोव पर्माफ्रॉस्ट इंस्टीट्यूट की रिसर्चर निकिता तनानेव ने बताया कि क्रेटर से रिसाव के कारण आस-पास के इकोसिस्टम में स्थायी बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "इससे नदी के निवास स्थान में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे और ढलान (बटागाइका क्रेटर) से निकलने वाली तलछट का प्रभाव याना नदी में भी देखा जाता है जो आसपास की प्रमुख नदी है." बिजनेस इनसाइडर से बात करते हुए वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के भूभौतिकीविद रोजर माइकलाइड्स ने कहा, "आप ज्यादातर जमीन के नीचे जमी हुई गंदगी के बारे में बात कर रहे हैं. जिसे परिभाषा के अनुसार आप तब तक नहीं देख सकते जब तक कि इसे किसी तरह से उजागर नहीं किया जाता है जैसे कि इस मेगा स्लम्प को."
'नर्क का द्वार' सिर्फ 30 साल में हुआ तीन गुना बड़ा, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, पूरी पृथ्वी के लिए बताया खतरनाक
यह एक पर्माफ्रॉस्ट है जो बहुत तेज गति से पिघलता जा रहा है. जलवायु परिवर्तन इसके पिघलने का सबसे बड़ा कारण है जिससे स्थानीय क्षेत्रों के अलावा पूरी पृथ्वी को खतरा है.
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'गेटवे टू हेल' सिर्फ 30 साल में हुआ तीन गुना बड़ा
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